ENGLISH CONVERSATION (7) अंग्रेजी हिन्दी वार्तालाप :: IDIOMS & PROVERBS मुहावरे लोकोक्तियाँ
IDIOMS & PROVERBS
मुहावरे लोकोक्तियाँ
ENGLISH CONVERSATION (7) अंग्रेजी हिन्दी वार्तालाप
CONCEPT & EXTRACTS IN HINSUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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ant bhla so bhala.
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All is well that ends well.
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अब पछताये क्या होत है जब चिड़िया जग गई खेत।
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ab pachhtaye kya hot hae jb chidiya chug gai khet.
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इट इज ऑफ़ नो यूज़ क्राइंग ओवर स्पिल्ट मिल्क।
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It's of no use crying over spilt milk.
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आगे दौड़ पीछे चौड़।
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age doud, peechhe choud.
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हेस्ट मेक्स वेस्ट।
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Haste makes waste.
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बहती गँगा में हाथ धो लो।
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bahti ganga mae haath dho lo.
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मेक हे व्याहिल द सन शाइन्स।
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Make hay while the Sun shines.
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अपना-अपना, पराया पराया।
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apna-apna, praya-praya.
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ब्लड इज थिकर दैन वाटर।
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Blood is thicker than water.
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जैसे को तैसा।
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jaese ko taesa.
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टिट फॉर टैट।
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Tit for tat.
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सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखता है।
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sawan ke andhe ko hara hi hara dikhta hae.
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एव्री थिंग लुक्स येलो टु जौन्डिशड ऑय।
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Every thing looks yellow to jaundiced eye.
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ऊँची दुकान फीका पकवान।
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unchi dukan feeka pakwan.
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ग्रेट बोस्ट लिटिल रॉस्ट।
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Great boast, little roast.
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एक मछली सारे तालाब को गन्दा देती है।
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ek mchhli sare talab ko ganda kar deti hae .
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ए ब्लैक शीप इफेक्ट्स द होल फ्लॉक।
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A black sheep infects the whole flock.
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अपनी गली में कुत्ता भी शेर।
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apni gali me kutta bhi sher.
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एव्री कॉक फाइट्स बैस्ट ऑन इट्स ओन डंगहिल।
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Every cock fights best on its own dunghill.
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एक हाथ से ताली नहीं बजती
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ek haath se tali nahin bajti.
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इट टेक्स टू टु मेक ए कुव्रल
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It takes two to make a quarrel.
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बन्दर जाने अदरक का स्वाद। अँधा क्या जाने, बसन्त बहार।
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bandar kya jane adrak ka swad.
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ए ब्लाइंड मैन इज नो जज ऑफ़ कलर्स।
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A blind man is no judge of colours.
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अंधों में काना राजा।
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andhon mae kana raja.
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ए फिगर अमंग सिफर्स।
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A figure among ciphers.
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आकाश से गिरे खजूर पर अटके।
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akash se gire khjur par atke.
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आउट ऑफ़ फ्राइंग पैन इन्टु द फायर।
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Out of the frying pan into the fire.
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आप मरे जग परलो।
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aap mre jag parlo.
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डैथस् डे इज डूम्स डे।
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Death's day is doom's day.
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मृत्यु का कोई समय नहीं है।
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mratyu ka koi calendar nahin hae .
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डैथ हैज नो कैलेण्डर।
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Death keeps no calendar.
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आँख ओझल, पहाड़ ओझल।
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aankh ojhal phad ojhal.
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आउट ऑफ़ साइट आउट ऑफ़ माइंड।
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Out of sight out of mind.
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अपने मुँह मिंयाँ मिट् थू बनना
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apne munh minyan mitthu banna.
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सेल्फ प्रेज इज नो प्रेज।
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Self praise is no praise.
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आदमी कुछ सोचता है और ईश्वर कुछ करता है।
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admi kuchh sochta hae aur ishwar kuchh karta hae.
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मैन प्रोपोजेज गॉड डिस्पोजेज़।
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Man proposes God disposes.
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आज का काम कल पर मत छोड़ो।
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aj ka kam kal par mat chhodo.
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डू नॉट पुट ऑफ टिल टुमारो व्हाट यू कैन डिस्पोज टुडे।
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Do not put off till tomorrow what you can dispose off today.
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व्यक्ति अपनी संगत से पहचाना जाता है।
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vykti apni sangat se pahchana jata hae .
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मैन इज नोन बाई हिज कम्पनी।
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Man is known by his company.
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कुसंगत से अकेला भला।
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kusangat se akela bhala.
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बैटर अलोन देंन इन बैड कम्पनी।
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Better alone than in bad company.
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उलटे बाँस बरेली।
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ulte baans bareli.
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टु कैर्री कोल् टु न्यू कैसल।
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To carry coal to New Castle.
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कद्र खो देता है रोज का आना जाना।
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kadr kho deta hae roj ka ana jana.
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टू मच फ़ैमिलिरिटी ब्रीड्स कंटेंट।
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Too much familiarity breeds content.
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पहले आप पीछे और।
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pahle ap peechhe aur.
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चैरिटी बेगिंस ऐट होम।
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Charity begins at home.
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भागते चोर की लँगोटी भली।
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bhagte chor ki lngoti bhali .
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सम थिंग इज बेटर देंन नथिंग।
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Some thing is better than nothing.
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एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं।
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ek myan me do talvaren nahin rah sktin.
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टू ऑफ़ ए ट्रेड सेलडॉम एग्री।
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Two of a trade seldom agree.
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सुबह का भूला शाम को घर आ जाये तो उसे भूला नहीं कहते।
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subah ka bhula sham ko ghar aa jaye to use bhula nahin kahte .
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इट्स नेवर टू लेट टु मेंड।
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It is never too late to mend.
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बेकार से बेगार भली।
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bekar se begar bhali .
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एन आइडल मेन्स ब्रेन इज डेविल्स वर्कशॉप।
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An idle man's brain is Devil's workshop.
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इलाज से परहेज अच्छा।
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ilaj se parhej achchha hae .
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प्रिवेंशन इज बेटर देंन क्योर।
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Prevention is better than cure.
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पहले तोलो फिर बोलो।
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pahlr tolo fir bolo.
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थिंक बिफोर यू स्पीक।
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Think before you speak.
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अच्छा स्वास्थ्य हजार नियामत।
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achchha swasthy hjar niyamat.
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हेल्थ इज वेल्थ।
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Health is wealth.
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थोथा चना बाजे घना।
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thotha chna baje ghana.
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एम्पटि वेसल्स मेक मोर नॉइस।
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Empty vessels make more noise.
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तेल देखो तेल की धार देखो। देखो ऊँट किस करवट बैठता है।
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tel dekho tel ki ghar dekho. dekho unt kis karvat baethta hae.
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सी विच वे द विंड ब्लोज़। वेट एंड वाच।
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See which way the wind blows. Wait and watch.
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अपनी फ़िक्र करो।
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apni fikr kro.
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स्वीप बिफोर योर ओन डोर।
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Sweep before your own door.
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जहाँ फूल वहाँ काँटे।
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jahan ful vahan kante.
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व्हेयर देयर इज ए रोज़ देयर इज ए थोर्न।
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Where there is a rose, there is a thorn.
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जब तक साँस तब तक आस।
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jab tak sans tab tak aas.
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एज लॉन्ग एज देर इज़ लाइफ देयर इज होप।
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As long as there is life there is hope.
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जब ओखली में सर दिया तो मूसली से क्या डरना।
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jb okhli me sir diya to munsal se kya darna.
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व्हाट कैन नॉट बी क्योर्ड मस्ट बी एंडयोर्ड।
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What can not be cured must be endured.
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जितनी चादर देखो, उतने पर पसारो।
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jitni chadar dekho utne paer psaro.
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कट योर कोट अकॉर्डिंग टु योर क्लॉथ।
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Cut your coat according to your cloth.
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जिसकी लाठी उसकी भैंस।
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jiski lathi uski bhaens.
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माइट इज राइट।
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Might is right.
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जहाँ चाह वहाँ राह।
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jahan chah vahan rah.
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वेयर देयर इज ए विल देयर इज ए वे।
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Where there is will there is way.
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जैसा देश वैसा वेश।
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jaesa desh vaesa vesh.
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व्हाइल इन रोम डू ऐज रोमन्स डू।
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While in Rome do as Romans do.
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जो गरजते हैं वे बरसते नहीं। भौंकने बाले काटने नहीं।
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jo grajte haen vo baraste nahin.
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बार्किंग डॉग्स सेलडॉम बाइट।
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Barking dogs seldom bite.
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झूँठ के पाँव नहीं होते।
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jhunth ke panv nahin hote.
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ए लाइ हैज नो लैग्स टु स्टैंड।
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A lie has no legs to stand.
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जैसा करोगे वैसा भरोगे।
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jaesa kroge vaesa bharoge.
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एज यू सो शैल यू रीप।
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As you sow so shall you reap.
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जो औरों के लिये गड्ढा खोदता है, स्वयं उसमें गिरता है।
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jo oron ke liye gddha khodta hae vo usmen swayam girta hae.
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ही हू डिग्स् ए पिट फॉर अदर्स फाल्स इन्टु इट।
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He who digs a pit for others, falls into it himself.
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दिये तले अँधेरा।
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diye tle andhera.
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नियरर द चर्च फार्दर फ्रॉम द हेवन।
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Nearer the Church, farther from the heaven.
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चोर की दाढ़ी में तिनका।
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chor ki dadhi me tinka.
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ए गिल्टी कंक्सिएंस नीड्स नो अक्यूज़र।
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A guilty conscience needs no accuser.
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बूँद-बूँद करके तालाब बन गया। बूँद-बूँद करके घड़ा भरत है।
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bund-bund karke talab ban gaya. bund-bund karke ghda bhar gaya.
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मेनी ए लिटिल मैक्स ए मिकल। लिटिल ड्रॉप्स मैक्स द ओसियन.
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Many a little makes a mickle. Little drops make the ocean.
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बुराई की कमाई बुराई में लगे।
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burai ki kmai burai me lage.
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इल गोट इल स्पेंट।
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Ill got, ill spent.
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दाम बनाये काम।
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dam banaye kam.
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मनी मैक्स द मेयर गो।
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Money makes the mare go.
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ईश्वर उनकी सहायता करता है जो अपनी मदद आप करते हैं।
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ishwar unki madad karta hae jo apnee madad ap karte haen.
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गॉड हेल्प्स दोज हू हेल्प्स दैमसेल्वस
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God helps those who helps themselves.
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दिल को दिल से राहत।
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dil se dil ko rahat.
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लव विगेट्स लव।
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Love begets love.
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बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय।
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beeti tahi bisaar de age ki sudhi ley.
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लैट बाइ-गोन्स बी बाइ-गोन्स
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Let by-gones be by-gones.
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दूध का जला छाछ को भी फूँक-फूँक कर पीता है।
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doodh ka jla chhachh ko bhi funk-funk kar pita hae .
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ए बर्न्ट चाइल्ड ड्रेड्स द फायर।
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A burnt child dreads the fire.
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न करोगे तो न पाओगे।
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n karoge to n paoge.
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यू केन नॉट मेक ओम्लेट्स विद आउट ब्रेकिंग एग्स।
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You can not make omelettes without breaking eggs.
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मित्र वही जो मुसीबत में काम आये।
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mitr vahi jo musibat me kam aye.
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ए फ्रेंड इन नीड इज ए फ्रेंड इन डीड।
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A friend in need is a friend in deed.
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दो मुल्लाओं में मुर्गी हराम।
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do mullaon me murgi haram.
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टू मैनी कुक्स स्पॉइलस द ब्रोथ।
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Too many cooks spoils the broth.
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बगैर खतरे उठाये लाभ नहीं।
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bagfaer khtra uthaye laabh nahin.
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नथिंग वेंचर नथिंग हैव।
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Nothing venture, nothing have.
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कष्ट बिना सुख नहीं।
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kasht bina sukh nahin.
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नो पेन्स नो गेन्स।
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No pains, no gains.
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साँच को आँच नहीं।
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saanch ko aanch nahin.
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ट्रुथ फियर्स नो एग्जामिनेशन
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Truth fears no examination.
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ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।
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imandari sabse achchhi neeti hae.
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आनेस्टी इज द बेस्ट पालिसी।
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Honesty is the best policy.
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डूबते को तिनके का सहारा।
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dubte ko tinke ka shara.
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ए ड्रोउनिंग मैन कैट्चेस एट ए स्ट्रॉ।
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A drowning man catches at a straw.
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नीम हकीम खतराए जान।
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neem hakeem khatrae jan.
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ए लिटिल नॉलेज इज अ डेंजरस थिंग।
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A little knowledge is a dangerous thing.
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शक्कर खोरे को परमात्मा शक्कर ही देता है।
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shakkar khore ko parmatma shakkar hi deta hae .
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स्पेंड ओवर पायोसिटी एंड गॉड विल सेंड मोर।
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Spend over piousity and God will send more.
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अच्छा नाम धन से बड़ा है।
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achcha nam dhan se bada hae.
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ए गुड नेम निज इज बैटर देंन रिचिज।
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A good name is better than riches.
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सहज पके सो मीठा होए।
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sahaj pake so meetha hoe.
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स्लो एंड स्टडी विन्स द रेस।
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Slow and steady wins the race.
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बीता वक्त वापस नहीं आता।
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beeta vakt vapas nahin aata.
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टाइम वन्स लॉस्ट इज नैवर फाउंड अगेन।
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Time once lost is never found again.
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न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी।
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na nau man tel hoga aur na Radha nachegi.
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इफ द स्काई फाल्स, वी शैल कैच लार्क्स।
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If the sky falls, we shall catch larks.
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नेकी कर कुँए में डाल। कर भला हो भला।
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neki kar kuaen me dal.
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डू गुड हैव गुड।
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Do good have good.
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अभ्यास से कला में निखार आता है।
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abhyas se kala mae nikhar aata hae .
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प्रैक्टिस मैक्स ए मैन परफेक्ट।
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Practice makes a man perfect.
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चोर का साथी चोर, साधु का साधु।
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chor ka sathi chor, sadhu ka sadhu.
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बर्ड्स ऑफ़ ए फैथेर फ्लॉक टु गैथर।
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Birds of a feather flock together.
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कोयले की दलाली में मुँह काला। काजल के कोठरी में दाग लागे ही लागे।
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koyle ki dalali me munh kala.
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इविल परसूट्स ब्रिंग इविल रेपुटेशन।
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Evil pursuits bring evil reputation.
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समय के साथ सब घाव भर जाते हैं। समय सबसे बड़ा मरहम है।
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samay ke sath sab ghav bhar jate haen.
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टाइम इज ए ग्रेट हीलर। टाइम ब्लण्ट्स द एज ग्रीफ।
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Time is a great healer. Time blunts the edge of grief.
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गड़े मुर्दे मत उखाड़ो।
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gade murde mat ukhado.
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लैट द पास्ट बरी इटस डैड।
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Let the past bury its dead.
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अपनों के साथ नर्क, अपनों-सबके साथ स्वर्ग।
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apnon ke saath nark, apnon-sabke saath sawarg.
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डेथ विथ फ्रेंड्स इज ए फेस्टिवल।
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Death with friends is a festival.
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गुड़ खाये, गुलगुलों से परहेज।
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gud kahye gulgulon se parhej.
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टु स्वलो ए कैमल बट स्ट्रेन एट ए गोट।
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To swallow a camel but strain at a goat.
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कोठे वाला रोये, छप्पर वाला सोये।
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kothe wala roye, chhappar vala soye.
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अनइजी लाइज द हेड दैट वियर्स ए क्राउन।
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Uneasy lies the head that wears a crown.
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पवित्रता धर्म का एक अंग है।
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pvitrata dharm ka ek ang hae.
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क्लीनलिनेस इज नेक्स्ट तो गोडलिनेस।
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Cleanliness is next to Godliness.
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घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध।
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ghar ka jogi gogda aan gaon ka siddh.
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ए प्रोफेट इज सेल्डम होनॉर्ड इन हिज ओन लैंड।
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A prophet is seldom honoured in his own land.
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सौ दिन चोर के एक दिन साध का।
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sau din chor ke ek din sadh ka.
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ईविल कैन नॉट थ्राइव फॉर एवर।
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Evil can not thrive for ever.
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सौंदर्य को गहनों की जरूरत नहीं है।
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soundary ko ghnaon ki jrurat nahin hae.
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ब्यूटी नीड्स नो ऑर्नामेंट्स।
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Beauty needs no ornaments.
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धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का।
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dhobi ka kutta na ghar ka na ghat ka.
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ए रोलिंग स्टोन गैथर्स नो मास।
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A rolling stone gathers no mass.
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भूख में चने भी बादाम।
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bhukh me chne bhi badam.
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हंगर इज द बेस्ट सॉस।
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Hunger is the best sauce.
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लोहा लोहे काटता है।
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loha lohe ko katta hae.
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ए डायमंड कट्स ए डायमंड।
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A diamond cuts a diamond.
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जितने मुँह उतनी बातें।
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jitne munh utni baten.
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मैनी मेन, मैनी माइंडस।
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Many men, many minds.
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EXERCISE FOR PRACTICE ::
A watched pot never boils.
A picture is worth a thousand words.
All good things must come to an end.
Actions speak louder than words.
All are not friends that speak us fair.
All roads lead to Rome.
All things come to those who wait.
All work and no play makes Jack a dull boy.
An army marches on its stomach. पेट बातों से नहीं भरता।
A hedge between keeps friends green.
A verbal contract isn't worth the paper it's written on.
Absence makes the heart grow fonder.
Actions speak louder than words. कार्य बोलता है।
A friend in need is a friend indeed. मित्र की पहचान मुसीबत में ही होती है।
A friend is never known till a man have need. मित्र की पहचान मुसीबत में ही होती है।
All cats love fish but hate to get their paws wet.
All for one and one for all.
All good things must come to an end. जो पैदा हुआ है बो मरेगा जरूर।
All's well that ends well.अंत भला सो भला।
All that glisters is not gold. जो चमकता है वो जरूरी नहीं है कि सोना ही हो।
A staff is quickly found to beat a dog.
An apple a day keeps the doctor away. रोज सेब खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। एक सेब हजार नियामत।
As the old cock crows, so crows the young.
Ask me no questions, I'll tell you no lies.
A bad penny always turns up.
A bad settlement is better than a good lawsuit.
A bellyful is one of meat, drink, or sorrow.
An ill labourer quarrels with his tools. A bad workman blames his tools. एक खराब कारीगर अपने औजारों से लड़ता है। नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
A bad penny always turns up. खोटा पर काम आता है।
A barking dog never bites. भौंकने वाले काटने नहीं। गरजने वाले बरसते
A bird in the hand is worth two in the bush. नौ नकद न तरह उधार।
A cat may look at a king.
A chain is only as strong as its weakest link.
A change is as good as a rest.
A dog is a man's best friend.कुत्ता इंसान का सबसे वफ़ादार साथी है।
A drowning man will clutch at a straw.डूबते को तिनके का सहारा।
A fish always rots from the head down.
A fool and his money are soon parted.
A friend in need is a friend indeed.दोस्त वही जो मुसीबत में काम आये।
A golden key can open any door.सभी तालों की चाबी।
A good beginning makes a good ending.
A good man is hard to find.
A house divided against itself cannot stand.
A person is known by the company he keeps.
A house is not a home.
A journey of a thousand miles begins with a single step.
A leopard cannot change its spots.
A little knowledge is a dangerous thing.
A little learning is a dangerous thing.
A little of what you fancy does you good.
A man is known by his friends.
A man who is his own lawyer has a fool for his client.
A miss is as good as a mile.
A new broom sweeps clean.
A nod's as good as a wink to a blind horse.
A penny saved is a penny earned.
A picture paints a thousand words.
A place for everything and everything in its place.
A poor workman always blames his tools.
A person is known by the company he keeps.
A problem shared is a problem halved.
A prophet is not recognized in his own land.
A rising tide lifts all boats.
A rolling stone gathers no moss.
A soft answer turneth away wrath.
A stitch in time saves nine.
A swarm in May is worth a load of hay; a swarm in June is worth a silver spoon; but a swarm in July is not worth a fly.
A thing of beauty is a joy forever.
A trouble shared is a trouble halved.
A volunteer is worth twenty pressed men.
A watched pot never boils.
A woman is only a woman, but a good cigar is a smoke.
A woman's place is in the home.
A woman's work is never done.
A word to the wise is enough.
Absence makes the heart grow fonder.
Absolute power corrupts absolutely.
Accidents will happen (in the best-regulated families).
Actions speak louder than words.
Adversity makes strange bedfellows.
After a storm comes a calm.
All good things come to he who waits.
All good things must come to an end.
All is grist that comes to the mill.
All publicity is good publicity.
All roads lead to Rome.
All that glisters is not gold.
All the world loves a lover.
All things come to those who wait.
All things must pass.
All work and no play makes Jack a dull boy.
All you need is love.
All's fair in love and war.
All's for the best in the best of all possible worlds.
All's well that ends well.
A miss is as good as a mile.
An apple a day keeps the doctor away.
An army marches on its stomach.
An Englishman's home is his castle.
An eye for an eye, a tooth for a tooth.
An ounce of prevention is worth a pound of cure.
Another day, another dollar.
Any port in a storm.
Appearances can be deceptive.
April is the cruellest month.
April showers bring forth May flowers.
As thick as thieves.
As you make your bed, so you must lie upon it.
As you sow so shall you reap.
Ashes to ashes dust to dust.
Ask a silly question and you'll get a silly answer.
Ask no questions and hear no lies.
Attack is the best form of defence.
A chain is only as strong as its weakest link.
As you make your bed, so you must lie on it.
All are not thieves that the dogs bark at.
Absence makes the heart grow fonder.
Better an egg today than a hen tomorrow.
Birds of a feather flock together.
Beggars can't be choosers.
Beauty is in the eye of the beholder.
Bend the willow while it is young.
Bad news travels fast.बुरी बातें जल्दी सीखी जाती हैं।
Better is the enemy of good.
Big thunder, little rain.
Better late than never.
Better safe than sorry.
Beware of false prophets, who come to you in sheep's clothing, but inwardly they are ravening wolves.
Birds of a feather flock together.
Bitter pills may have blessed effects.
Blood is thicker than water.
Beauty is in the eyes of the beholder.
Bad money drives out good.
Bad news travels fast.
Barking dogs seldom bite.
Be careful what you wish for.
Beat swords into ploughshares.
Beauty is in the eye of the beholder.
Beauty is only skin deep.
Beggars should not be choosers.
Behind every great man there's a great woman.
Better late than never.
Better safe than sorry.
Better the Devil you know than the Devil you don't.
Better to have loved and lost than never to have loved at all.
Better to light a candle than to curse the darkness.
Better to remain silent and be thought a fool that to speak and remove all doubt.
Beware of Greeks bearing gifts.
Beware the Ides of March.
Big fish eat little fish.
Birds of a feather flock together.
Blessed are the peacemakers.
Blood is thicker than water.
Blue are the hills that are far away.
Boys will be boys.
Brevity is the soul of wit.
Business before pleasure.
Better late than never.
Cleanliness is next to godliness.
Caesar's wife must be above suspicion.
Carpe diem (Pluck the day; Seize the day).
Charity begins at home.
Charity covers a multitude of sins.
Cheaters never win and winners never cheat.
Cheats never prosper.
Children and fools tell the truth.
Children should be seen and not heard.
Christmas comes but once a year.
Cleanliness is next to godliness.
Clothes maketh the man.
Cold hands, warm heart.
Comparisons are odious.
Count your blessings.
Cowards may die many times before their death.
Crime doesn't pay.
Cut your coat to suit your cloth.
Dead men tell no tales.
Don't put all your eggs in one basket.
Don't bite the hand that feeds you.
Discretion is the greater part of valour.
Do unto others as you would have them do unto you.
Don't count your chickens before they hatch.
Devil take the hindmost.
Discretion is the better part of valou.
Distance lends enchantment to the view.
Do as I say, not as I do.
Do as you would be done by.
Do unto others as you would have them do to you.
Don't bite the hand that feeds you.
Don't burn your bridges behind you.
Don't cast your pearls before swine.
Don't change horses in midstream.
Don't count your chickens before they are hatched.
Don't cross the bridge till you come to it.
Don't cut off your nose to spite your face.
Don't get mad, get even.
Don't keep a dog and bark yourself.
Don't leave your manners on the doorstep.
Don't let the bastards grind you down.
Don't let the grass grow under your feet.
Don't meet troubles half-way.
Don't mix business with pleasure.
Don't put all your eggs in one basket.
Don't put the cart before the horse.
Don't put new wine into old bottles.
Don't rock the boat.
Don't shoot the messenger.
Don't spoil the ship for a ha'porth of tar.
Don't sweat the small stuff.
Don't throw pearls to swine.
Don't teach your Grandma to suck eggs.
Don't throw the baby out with the bathwater.
Don't trust anyone over thirty.
Don't try to run before you can walk.
Don't try to walk before you can crawl.
Don't upset the apple-car.
Don't wash your dirty linen in public.
Doubt is the beginning not the end of wisdom.
Early to bed and early to rise, makes a man healthy, wealthy and wise.
East is east, and west is west.
East, west, home's best.
Easy come, easy go.
Eat, drink and be merry, for tomorrow we die.
Empty vessels make the most noise.
Enough is as good as a feast.
Enough is enough.
Even a worm will turn.
Every cloud has a silver lining.
Every dog has its day.
Every little helps.
Every man for himself, and the Devil take the hindmost.
Every man has his price.
Every picture tells a story.
Every stick has two ends.
Everyone wants to go to heaven but nobody wants to die.
Everything comes to him who waits.
Easy come, easy go.
Failing to plan is planning to fail.
Faint heart never won fair lady.
Fair exchange is no robbery.
Faith will move mountains.
Familiarity breeds contempt.
Feed a cold and starve a fever.
Fight fire with fire.
Fight the good fight.
Finders keepers, losers weepers.
Fine words butter no parsnips.
First come, first served.
First impressions are the most lasting.
First things first.
Fish always stink from the head down.
Fish and guests smell after three days.
Flattery will get you nowhere.
Fools rush in where angels fear to tread.
For everything there is a season.
For want of a nail the shoe was lost; for want of a shoe the horse was lost; and for want of a horse the man was lost.
Fortune favours the bold.
Forewarned is forearmed.
Forgive and forget.
Fortune favours the brave.
From the sublime to the ridiculous is only one step.
Familiarity breeds contempt.
Forgive and forget.माफ़ करो और भूल जाओ।
Genius is an infinite capacity for taking pains.
Genius is one percent inspiration, ninety-nine percent perspiration.
Give a man a fish and you will feed him for a day...
Give a dog a bad name and hang him.
Give a man enough rope and he will hang himself.
Give credit where credit is due.
Go the extra mile.
God helps those who help themselves.
Good fences make good neighbours.
Good talk saves the food.
Good things come to those who wait.
God helps those who help themselves.
Good things come to those who wait.
Great minds think alike.
Half a loaf is better than no bread.
Handsome is as handsome does.
Hard cases make bad law.
Hard work never did anyone any harm.
Haste makes waste.
He that goes a-borrowing, goes a-sorrowing.
He who can does, he who cannot, teaches.
He who fights and runs away, may live to fight another day.
He who hesitates is lost.
He who laughs last laughs longest.
He who lives by the sword shall die by the sword.
He who pays the piper calls the tune.
He who sups with the Devil should have a long spoon.
Hell hath no fury like a woman scorned.
Hindsight is always twenty-twenty.
History repeats itself.
Home is where the heart is.
Honesty is the best policy.
Hope springs eternal.
Horses for courses.
If anything can go wrong, it will.
If a job is worth doing it is worth doing well.
If at first you don't succeed try, try and try again.
If God had meant us to fly he'd have given us wings.
If ifs and ands were pots and pans there'd be no work for tinkers.
If it ain't broke, don't fix it.
If life deals you lemons, make lemonade.
If the cap fits, wear it.
If the mountain won't come to Mohammed, then Mohammed must go to the mountain.
If the shoe fits, wear it.
If wishes were horses, beggars would ride.
If you build it they will come.
If you can't be good, be careful.
If you can't beat em, join em.
If you can't stand the heat get out of the kitchen.
If you lie down with dogs, you will get up with fleas.
If you pay peanuts, you get monkeys.
If it ain't broke, don't fix it.
If you can't beat 'em, join 'em.
If you want something done right, you have to do it yourself.
If you want a thing done well, do it yourself.
Ignorance is bliss.
Imitation is the sincerest form of flattery.
In for a penny, in for a pound.
In the kingdom of the blind the one eyed man is king.
In the midst of life we are in death.
Into every life a little rain must fall.
It ain't over till the fat lady sings.
It goes without saying.
It is best to be on the safe side.
It is better to give than to receive.
It is easy to be wise after the event.
It never rains but it pours.
It takes a thief to catch a thief.
It takes all sorts to make a world.
It takes one to know one.
It takes two to tango.
It's all grist to the mill.
It's an ill wind that blows no one any good.
It's better to give than to receive.
It's better to have loved and lost than never to have loved at all.
It's better to light a candle than curse the darkness.
It's better to travel hopefully than to arrive.
It's never too late.
It's no use crying over spilt milk.
It's no use locking the stable door after the horse has bolted.
It's the early bird that catches the worm.
It's the empty can that makes the most noise.
It's the singer not the song.
It's the squeaky wheel that gets the grease.
Jack of all trades, master of none.
Judge not, that ye be not judged.
Keep your chin up.
Keep your friends close and your enemies closer.
Keep your powder dry.
Keep your friends close and your enemies closer.
Laugh and the world laughs with you, weep and you weep alone.
Laughter is the best medicine.
Least said, soonest mended.
Less is more.
Let bygones be bygones.
Let not the sun go down on your wrath.
Let sleeping dogs lie.
Let the buyer beware.
Let the dead bury the dead.
Let the punishment fit the crime.
Let well alone.
Life begins at forty.
Life is just a bowl of cherries.
Life is what you make it.
Life's not all beer and skittles.
Lightning never strikes twice in the same place.
Like father, like son.
Little pitchers have big ears.
Little strokes fell great oaks.
Little things please little minds.
Live and learn.
Live for today for tomorrow never comes.
Look before you leap.
Love of money is the root of all evil.
Love is blind.
Love makes the world go round.
Love thy neighbour as thyself.
Love will find a way.
Make hay while the sun shines.
Make love not war.
Man does not live by bread alone.
Manners maketh man.
Many a little makes a mickle.
Many a mickle makes a muckle.
Many a true word is spoken in jest.
Many are called but few are chosen.
Many hands make light work.
March comes in like a lion, and goes out like a lamb.
March winds and April showers bring forth May flowers.
Marriages are made in heaven.
Marry in haste, repent at leisure.
Might is right.
Mighty oaks from little acorns grow.
Misery loves company.
Moderation in all things.
Monday's child is fair of face.
Tuesday's child is full of grace.
Wednesday's child is full of woe.
Thursday's child has far to go.
Friday's child is loving and giving.
Saturday's child works hard for its living.
And a child that's born on the Sabbath day (विश्राम का दिन, रविवार, Sunday), is fair and wise and good and gay.
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Money doesn't grow on trees.
March winds and April showers bring forth May flowers.
Money is the root of all evil.
Money isn't everything.
Money makes the world go round.
Money talks.
More haste, less speed.
Music has charms to soothe the savage breast.
Nature abhors a vacuum.
Necessity is the mother of invention.
Needs must when the devil drives.
Ne'er cast a clout till May be out.
Never give a sucker an even break.
Never go to bed on an argument.
Never hand an ill workman good tools.
Never judge a book by its cover.
Never let the sun go down on your anger.
Never look a gift horse in the mouth.
Never put off until tomorrow what you can do today.
Never speak ill of the dead.
Never tell tales out of school.
Nine tailors make a man.
No man can serve two masters.
No man is an island.
No names, no pack-drill.
No news is good news.
No one can make you feel inferior without your consent.
No pain, no gain.
No rest for the wicked.
Nothing new under the sun.
Nothing is certain but death and taxes.
Nothing succeeds like success.
Nothing ventured, nothing gained.
Never look a gift horse in the mouth.
Necessity is the mother of invention.
Oil and water don't mix.
Old soldiers never die, they just fade away.
Once a thief, always a thief.
Once bitten, twice shy.
One good turn deserves another.
One half of the world does not know how the other half lives.
One hand washes the other.
One man's meat is another man's poison.
One might as well be hanged for a sheep as a lamb.
One law for the rich and another for the poor.
One swallow does not make a summer.
One volunteer is worth ten pressed men.
One year's seeding makes seven years weeding.
Only fools and horses work.
Opportunity never knocks twice at any man's door.
Out of sight, out of mind.
One man's trash is another man's treasure.
Parsley seed goes nine times to the Devil.
Patience is a virtue.
Pearls of wisdom.
Penny wise and pound foolish.
People who live in glass houses shouldn't throw stones.
Physician, heal thyself.
Possession is nine points of the law.
Power corrupts; absolute power corrupts absolutely.
Practice makes perfect.
Practice what you preach.
Prevention is better than cure.
Pride goes before a fall.
Procrastination is the thief of time.
Put your best foot forward.
People who live in glass houses should not throw stones.
Practice makes perfect.
Rain before seven, fine before eleven.
Red sky at night shepherd's delight; red sky in the morning, shepherd's warning.
Revenge is a dish best served cold.
Revenge is sweet.
Rob Peter to pay Paul.
Rome wasn't built in a day.
See a pin and pick it up, all the day you'll have good luck; see a pin and let it lie, bad luck you'll have all day.
See no evil, hear no evil, speak no evil.
Seeing is believing.
Seek and ye shall find.
Set a thief to catch a thief.
Share and share alike.
Shrouds have no pockets.
Silence is golden.
Slow but sure.
Softly, softly, catchee monkey.
Spare the rod and spoil the child.
Speak as you find.
Speak softly and carry a big stick.
Sticks and stones may break my bones, but words will never hurt me.
Still waters run deep.
Strike while the iron is hot.
Stupid is as stupid does.
Success has many fathers, while failure is an orphan.
Take care of the pence and the pounds will take care of themselves.
Talk is cheap.
Talk of the Devil, and he is bound to appear.
Tell the truth and shame the Devil.
That which does not kill us makes us stronger.
The age of miracles is past.
The apple never falls far from the tree.
The best defence is a good offence.
The best is the enemy of the good.
The best-laid schemes of mice and men gang aft agley.
The best things in life are free.
The bigger they are, the harder they fall.
The bottom line is the bottom line.
The boy is father to the man.
The bread always falls buttered side down.
The child is the father of the man.
The cobbler always wears the worst shoes.
The course of true love never did run smooth.
The customer is always right.
The darkest hour is just before the dawn.
The devil finds work for idle hands to do.
The devil looks after his own.
The early bird catches the worm.
The end justifies the means.
The exception which proves the rule.
The female of the species is more deadly than the male.
The fruit does not fall far from the tree.
The good die young.
The grass is always greener on the other side of the fence.
The hand that rocks the cradle rules the world.
The husband is always the last to know.
The labourer is worthy of his hire.
The law is an ass.
The leopard does not change his spots.
The longest journey starts with a single step.
The more the merrier.
The more things change, the more they stay the same.
The only good Indian is a dead Indian.
The opera ain't over till the fat lady sings.
The pen is mightier than sword.
The price of liberty is eternal vigilance.
The proof of the pudding is in the eating.
The road to hell is paved with good intentions.
The shoemaker's son always goes barefoot.
The squeaking wheel gets the grease.
The truth will out.
The wages of sin is death.
The way to a man's heart is through his stomach.
The whole is greater than the sum of the parts.
The pen is mightier than the sword.
The squeaky wheel gets the grease.There's no such thing as a free lunch.
There's no place like home.
Two heads are better than one.
There's no time like the present.
The grass is always greener on the other side of the hill.
The early bird catches the worm.Too many cooks spoil the broth.
There are more ways of killing a cat than choking it with cream.
There are none so blind as those, that will not see.
There are two sides to every question.
There but for the grace of God, go I.
There's a time and a place for everything.
There's an exception to every rule.
There's always more fish in the sea.
There's honour among thieves.
There's many a good tune played on an old fiddle.
There's many a slip 'twixt cup and lip.
There's more than one way to skin a cat.
There's no accounting for tastes.
There's no fool like an old fool.
There's no place like home.
There's no smoke without fire.
There's no such thing as a free lunch.
There's no such thing as bad publicity.
There's no time like the present.
There's none so blind as those who will not see.
There's none so deaf as those who will not hear.
There's nowt so queer as folk.
There's one born every minute.
There's safety in numbers.
They that sow the wind, shall reap the whirlwind.
Third time lucky.
Those who do not learn from history are doomed to repeat it.
Those who live in glass houses shouldn't throw stones.
Those who sleep with dogs will rise with fleas.
Thou shalt not kill.
Time and tide wait for no man.
Time flies.
Time is a great healer.
Time is money.
Time will tell
'tis better to have loved and lost, than never to have loved at all.
To err is human; to forgive divine.
To every thing there is a season.
To the victor go the spoils.
To travel hopefully is a better thing than to arrive.
Tomorrow is another day.
Tomorrow never comes.
Too many cooks spoil the broth.
Truth is stranger than fiction.
Truth will out.
Two blacks don't make a white.
Two heads are better than one.
Two is company, but three's a crowd.
Two wrongs don't make a right.The best things come in small packages.
The best things in life are free.संसार में सर्वोत्तम मुफ्त मिलता है। भगवान् का नाम, हवा, पानी।
Though last, not least in love.
Thursday come, and the week is gone.
Tis as cheap sitting as standing.
'Tis a stinger.
'Tis in grain, sir, 'twill endure wind and weather.
This is neither here nor there. वो न यहाँ है न वहाँ है वो सर्वत्र है।
To rise with the lark, and go to bed with the lamb.
To take the nuts from the fire with the dog's foot.
Variety is the spice of life.
Virtue is its own reward.
Walls have ears.Walls have tongues, and hedges ears.
Westward-ho!
What is bred in the bone will never come out of the flesh.
What is not in a man cannot come out of him surely.
What is sauce for the goose is sauce for a gander.
What is the matter with Kansas?
What mare's nest hast thou found?
What you would not have done to yourselves, never do unto others.
When a dog is drowning, every one offers him drink.
Where McGregor sits, there is the head of the table.
Whether the pitcher hits the stone or the stone hits the pitcher, it goes ill with the pitcher.
Whistle, and I'll come to you, my lad.
Whistle, and she'll come to you.आवाज देते ही आ जाऊँगा।
Wind puffs up empty bladders; opinion, fools.
With tooth and nail.पूरी ताकत के साथ।
Within a stone's throw of it.चार कदम की दूरी पर।
Whose house is of glass, must not throw stones at another.जिनके मकान शीशे के होते हैं वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।
Why, then, do you walk as if you had swallowed a ramrod?
Walnuts and pears you plant for your heirs.
Waste not want not.
What can't be cured must be endured.
What goes up must come down.
What you lose on the swings you gain on the roundabouts.
What's sauce for the goose is sauce for the gander.
When in Rome, do as the Romans do.
When the cat's away the mice will play.
When the going gets tough, the tough get going.
When the oak is before the ash, then you will only get a splash; when the ash is before the oak, then you may expect a soak.
What the eye doesn't see, the heart doesn't grieve over.
Where there's a will there's a way.
Where there's muck there's brass.
While there's life there's hope.
Whom the Gods love die young.
Why keep a dog and bark yourself?
Women and children first.
Wonders will never cease.
Work expands so as to fill the time available.
Worrying never did anyone any good.
You are never too old to learn.
You are what you eat.
You can choose your friends but you can't choose your family.
You can have too much of a good thing.
You can lead a horse to water, but you can't make it drink.
You can't have your cake and eat it.
You can't get blood out of a stone.
You can't make a silk purse from a sow's ear.
You can't make an omelette without breaking eggs.
You can't make bricks without straw.
You can't run with the hare and hunt with the hounds.
You can't teach an old dog new tricks.
You can't judge a book by its cover.
You can't win them all.
You catch more flies with honey than with vinegar.
You pays your money and you takes your choice.
You reap what you sow.
You win some, you lose some.
Youth is wasted on the young.
You can't make an omelette without breaking a few eggs.
You can't always get what you want.
You can't judge a book by its cover.
You can lead a horse to water, but you can't make him drink.
You reap what you sow. जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे।
When in Rome, do as the Romans.
When the going gets tough, the tough get going.
Hope for the best, but prepare for the worst.
हिंदी में मुहावरे और लोकोक्तियाँ
मुहावरा ::
लोकोक्ति ::
मुहावरा और लोकोक्ति में अंतर ::
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प्रचलित लोकोक्तियाँ ::
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मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ ::
मुहावरे :-
मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है, जो रचना मेँ अपना विशेष अर्थ प्रकट करता है। रचना मेँ भावगत सौन्दर्य की दृष्टि से मुहावरोँ का विशेष महत्त्व है। इनके प्रयोग से भाषा सरस, रोचक एवं प्रभावपूर्ण बन जाती है। इनके मूल रूप मेँ कभी परिवर्तन नहीँ होता अर्थात् इनमेँ से किसी भी शब्द का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त नहीँ किया जा सकता। हाँ, क्रिया पद मेँ काल, पुरुष, वचन आदि के अनुसार परिवर्तन अवश्य होता है। मुहावरा अपूर्ण वाक्य होता है। वाक्य प्रयोग करते समय यह वाक्य का अभिन्न अंग बन जाता है। मुहावरे के प्रयोग से वाक्य मेँ व्यंग्यार्थ उत्पन्न होता है। अतः मुहावरे का शाब्दिक अर्थ न लेकर उसका भावार्थ ग्रहण करना चाहिए।
प्रमुख मुहावरे व उनका अर्थ ::
(1). अंग–अंग खिल उठना :
(2). अंग छूना :
(3). अंग–अंग टूटना :
(4). अंग–अंग ढीला होना :
(5). अंग–अंग मुसकाना :
प्रमुख मुहावरे व उनका अर्थ ::
(1). अंग–अंग खिल उठना :
(2). अंग छूना :
(3). अंग–अंग टूटना :
(4). अंग–अंग ढीला होना :
(5). अंग–अंग मुसकाना :
(6). अंग–अंग फूले न समाना :
(7). अंगड़ाना :
(8). अंकुश रखना :
(9). अंग लगाना :
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(34). अक्ल का अंधा होना :
(35). अक्ल आना :
(36). अक्ल का कसूर :
(37). अक्ल काम न करना :
(38). अक्ल के घोड़े दौड़ाना :
(39). अक्ल के तोते उड़ना :
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आँख फेर लेना :
आँख बिछाना :
आँखें सेंकना :
आँख उठाना :
आँख खुलना :
आँख लगना :
आँखों पर परदा पड़ना :
आँखों में समाना :
आँखे चुराना :
आँखेँ चार होना, आँखें मिलना :
आँखेँ दिखाना :
आँखेँ फेरना :
आँखेँ पथरा जाना :
आँखे बिछाना :
आँखोँ का काँटा होना, आँख की किरकिरी :
आँखोँ पर बिठाना :
आँखोँ मेँ धूल झोँकना :
आँखोँ का पानी ढलना :
आँखोँ से गिरना :
आँखोँ पर परदा पड़ना :
आँखोँ मेँ रात कटना :
आँच न आने देना :
आँसू पीकर रह जाना :
आकाश के तारे तोड़ना :
आकाश–पाताल एक करना :
आग मेँ घी डालना :
आग से खेलना :
आग पर पानी डालना :
आटे–दाल का भाव मालूम होना :
आसमान से बातेँ करना :
आसमान सिर पर उठाना :
आँचल पसारना :
आँधी के आम होना :
आँसू पोँछना :
आग–पानी का बैर, कुत्ते-बिल्ली, नाग नेवले का वैर :
आसमान पर चढ़ना :
आग–बबूला होना :
आपे से बाहर होना :
आकाश का फूल :
आसमान पर उड़ना :
आस्तीन का साँप :
आकाश चूमना :
आग लगने पर कुआँ खोदना :
आग लगाकर तमाशा देखना :
आटे के साथ घुन पिसना :
आधा तीतर आधा बटेर :
आसमान के तारे तोड़ना :
आसमान फट पड़ना :
आँचल देना :
आँचल मेँ गाँठ बाँधना :
आँचल फैलाना :
आँधी उठना :
आँसू गिराना :
आँसूओँ से मुँह धोना :
आकाश कुसुम :
आकाश खुलना :
आकाश-पाताल का अन्तर-फ़र्क होना :
आग का पुतला :
आग के मोल :
आग लगाना :
आग मेँ कूदना :
आग पर लोटना :
आग बुझा लेना :
आग भी न लगाना :
आग मेँ झोँकना :
आग से पानी होना :
आगे–पीछे की सोचना :
आगे करना :
आगे–पीछे फिरना-घूमना :
आगे होकर फिरना :
आज–कल करना :
ईँट का जवाब पत्थर से देना :
ईँट से ईँट बजाना :
इधर–उधर की लगाना :
इधर–उधर की हाँकना :
ईद का चाँद होना :
उँगली उठाना :
उँगली पर नचाना :
उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना :
उल्टी गंगा बहाना :
उल्लू बनाना :
उल्लू सीधा करना :
उधेड़बुन मेँ पड़ना :
उन्नीस बीस का अंतर होना :
उड़ती चिड़िया पहचानना :
उल्टी माला फेरना :
उल्टे उस्तरे से मूँडना :
उठा न रखना :
उल्टी पट्टी पढ़ाना :
एक आँख से देखना :
एक और एक ग्यारह होना :
एड़ी–चोटी का जोर लगाना :
एक लाठी से हाँकना :
एक घाट पानी पीना :
एक ही थैली के चट्टे–बट्टे :
एक हाथ से ताली न बजना :
एक ही नौका मेँ सवार होना :
एक आँख न भाना :
ओँठ चबाना :
ओखली मेँ सिर देना :
कंठ का हार होना :
कंगाली मेँ आटा गीला :
कंधे से कंधा मिलाना :
कच्चा चिट्ठा खोलना :
कच्ची गोली खेलना :
कलेजा टूक टूक होना :
कटी पतंग होना :
कलेजा ठण्डा होना :
कलई खुलना :
कमर कसना :
कठपुतली होना :
कलेजा थामना :
कमर टूटना :
कब्र मेँ पैर लटकना :
कढ़ी का सा उबाल :
कड़वे घूँट पीना :
कलेजा छलनी होना :
कलेजा निकालकर रख देना :
कलेजा फटना :
कलेजा मुँह को आना :
कलेजे का टुकड़ा :
कलेजे पर पत्थर रखना :
कलेजे पर साँप लोटना :
कलेजे पर साँप लोटना :
कसौटी पर कसना :
कटे पर नमक छिड़कना :
काँटे बिछाना :
कागज काले करना :
काठ का उल्लू :
कान खड़े होना :
कान पर जूँ न रेँगना :
कान मेँ फूँक मारना :
कान भरना :
कान लगाकर सुनना :
कानोँ मेँ तेल, रुई डालना :
काम आना :
काम तमाम करना :
काया पलट होना :
कालिख पोतना :
कागज की नाव :
कान कतरना :
कान का कच्चा :
कागजी घोड़े दौड़ाना :
कानोँ मेँ उँगली देना :
काल के गाल मेँ जाना, मौत के मुँह में जाना :
किताब का कीड़ा :
कीचड़ उछालना :
कुएँ मेँ बाँस डालना :
कुएँ मेँ भांग पड़ना :
कोल्हू का बैल :
कौड़ी के मोल बिकना :
कौड़ी–कौड़ी पर जान देना :
खटाई मेँ पड़ना :
खाक मेँ मिलना :
खाक मेँ मिलाना :
ख्याली पुलाव बनाना :
खालाजी का घर :
खाक छानना :
खिचड़ी पकाना :
खून का प्यासा :
खून का घूँट पीना :
खून सूखना :
खून खौलना :
खून–पसीना एक करना :
खून सफेद हो जाना :
खेत रहना :
गंगा नहाना :
गत बनाना :
सर उठाना :
गले का हार :
गड़े मुर्दे उखाड़ना :
गर्दन पर सवार होना :
गज भर की छाती होना :
गाँठ बाँधना :
गाल बजाना ;
गागर मेँ सागर भरना :
गाजर मूली समझना :
गिरगिट की तरह रंग बदलना :
गीदड़ भभकी :
गुड़–गोबर करना :
गुल खिलाना :
गुदड़ी मेँ लाल होना :
गू का कीड़ा गू में मस्त :- अपने हालात से समझौता करना, हर हाल में खुश रहना, तरक्की की इच्छा न रखना; to be content with existing conditions.
गू का कीड़ा गू में मस्त :- अपने हालात से समझौता करना, हर हाल में खुश रहना, तरक्की की इच्छा न रखना; to be content with existing conditions.
गूलर का फूल :
गेहूँ के साथ घुन पिसना :
गोबर गणेश :
घर फूँककर तमाशा देखना :
घड़ोँ पानी पड़ना :
घड़ी मेँ तोला घड़ी मेँ माशा :
घर मेँ गंगा बहाना :
घास खोदना :
घाट–घाट का पानी पीना :
घाव पर नमक छिड़कना :
घी के दिये जलाना :
घुटने टेक देना :
घोड़े बेचकर सोना :
चलती चक्की मेँ रोड़ा अटकाना :
चंडाल चौकड़ी :
चप्पा–चप्पा छान मारना :
चाँदी का जूता :
चाँदी का जूता देना :
चाँदी होना :
चादर से बाहर पैर पसारना :
चादर तानकर सोना :
चार चाँद लगाना :
चार दिन की चाँदनी :
चिकना घड़ा :
चिकना घड़ा होना :
चिराग तले अँधेरा :
चिकनी–चुपड़ी बातेँ करना :
चीँटी के पर निकलना :
चुटिया हाथ मेँ होना :
चुल्लू भर पानी मेँ डूब मरना :
चूना लगाना :
चूड़ियाँ पहनना :
चेहरे पर हवाईयाँ उड़ना :
चैन की बंशी बजाना :
चोटी का पसीना एड़ी तक आना :
चोली दामन का साथ :
चौदहवीँ का चाँद :
छक्के छुड़ाना :
छठी का दूध याद आना :
छप्पर फाड़कर देना :
छाती पर पत्थर रखना :
छाती पर साँप लोटना :
छाती पर मूँग दलना :
छूमन्तर होना :
छोटे मुँह बड़ी बात करना :
जंगल मेँ मंगल होना :
जमीन पर पैर न रखना :
जहर का घूँट पीना :
जलती आग मेँ कूदना :
जबान पर चढ़ना :
जबान मेँ लगाम न होना :
जमीन आसमान एक करना :
जमीन आसमान का फर्क :
जलती आग मेँ तेल डालना :
जहर उगलना :
जान के लाले पड़ना :
जान पर खेलना :
जान हथेली पर रखना :
जी चुराना :
जी का जंजाल
जी भर जाना :
आँखों से देखते हुए मक्खी निगलना :
जी पर आ बनना :
जी चुराना :
जूतियाँ चटकाना, तोड़ना :
जूतियाँ, जूते चाटना :
जूतियोँ मेँ दाल बाँटना :
जोड़–तोड़ करना :
झक मारना :
झाडू फिराना :
झोली भरना :
टका–सा जवाब देना :
टट्टी की ओट मेँ शिकार खेलना :
टका–सा मुँह लेकर रह जाना :
टाँग अड़ाना :
टाँय–टाँय फिस हो जाना :
टेढ़ी उँगली से घी निकालना :
टेढ़ी खीर :
टूट पड़ना :
टोपी उछालना :
ठंडा पड़ना :
ठन–ठन गोपाल :
ठिकाने आना :
ठीकरा फोड़ना :
ठोकर खाना :
डंका बजाना :
डंके की चोट कहना :
डकार जाना :
डोरी ढीली छोड़ना :
डोरे डालना :
ढपोर शंख होना :
ढाई दिन की बादशाहत :
ढिँढोरा पीटना :
ढोल मेँ पोल होना :
तलवे चाटना :
तार–तार होना :
तारे गिनना :
तिल का ताड़ करना :
तितर–बितर होना :
तीन का तेरह होना :
तूती बोलना :
तेल की कचौड़ियोँ पर गवाही देना :
तेली का बैल होना :
तेवर चढ़ाना :
थाह लेना :
थाली का बैँगन :
थूककर चाटना :
दबे पाँव चलना :
दमड़ी के लिए चमड़ी उधेड़ना :
दम तोड़ देना :
दाँतोँ तले उँगली दबाना :
दाँत पीसना :
दाँत पीसकर रहना :
दाँत काटी रोटी होना :
दाँत उखाड़ना :
दाँत खट्टे करना :
दाई से पेट छिपाना :
दाने–दाने को तरसना :
दाल मेँ काला होना :
दाल न गलना :
दाहिना हाथ होना :
दामन पकड़ना :
दाना–पानी उठना :
दिन फिरना :
दिन मेँ तारे दिखाई देना :
दिन–रात एक करना :
दिन दूनी रात चौगुनी होना :
दिमाग आसमान पर चढ़ना :
दुम दबाकर भागना :
दूध का दूध और पानी का पानी :
दूध का धुला, धोया होना :
दूध के दाँत न टूटना :
दो दिन का मेहमान :
दो नावोँ पर पैर रखना :
दो टूक जवाब देना :
दौड़–धूप करना :
दृष्टि फेरना :
धज्जियाँ उड़ाना :
धरती पर पाँव न पड़ना :
धूल फाँकना :
धूप मेँ बाल सफेद करना :
धूल मेँ मिल जाना :
नकेल हाथ मेँ होना :
नमक मिर्च लगाना :
नाक कटना :
नाक काटना :
नाक चोटी काटकर हाथ मेँ देना :
नाक भौँ चढ़ाना :
नाक पर मक्खी न बैठने देना :
नाक रगड़ना :
नाक रखना :
नाक में दम करना :
नाक का बाल होना :
नाकोँ चने चबाना :
नानी याद आना :
निन्यानवेँ के फेर मेँ पड़ना :
नीला–पीला होना :
नौ दो ग्यारह होना :
नौ दिन चले ढाई कोस :
पगड़ी उछालना :
पगड़ी रखना :
पसीना–पसीना होना :
पहाड़ टूट पड़ना :
पाँचोँ उँगलियाँ घी मेँ होना :
पाँव उखड़ना :
पाँव फूँक–फूँक कर रखना :
पानी-पानी होना :
पानी में आग लगाना :
पानी फेर देना :
पानी भरना :
पानी पी–पीकर कोसना :
पानी का मोल होना :
पापड़ बेलना ;
पीठ दिखाना :
पेट काटना :
पेट मेँ चूहे दौड़ना, कूदना :
पेट बाँधकर रहना :
पेट मेँ रखना :
पेट मेँ दाढ़ी होना :
पैर उखड़ना :
पैर जमीन पर न टिकना :
पैरोँ तले से जमीन निकल, खिसक, सरक जाना :
पैरोँ मेँ मेँहदी लगाकर बैठना :
पौ बारह होना :
प्राण हथेली पर लिए फिरना :
फट पड़ना :
फूँक–फूँककर कदम रखना :
फूटी आँख न सुहाना :
फूला न समाना :
फूलकर कूप्पा होना :
बंदर घुड़की, भभकी :
बखिया उधेड़ना :
बछिया का ताऊ :
बट्टा लगना :
बड़े घर की हवा खाना ;
बरस पड़ना :
बल्लियोँ उछलना :
बाँए हाथ का खेल :
बाँछे खिल जाना :
बाजार गर्म होना :
बात का धनी होना :
बाल की खाल निकालना :
बाल बाँका न होना, कर सकना :
बाल–बाल बचना :
बासी कढ़ी मेँ उबाल आना :
बिल्ली के गल्ले मेँ घंटी बाँधना :
बेपेँदी का लोटा :
भंडा फोड़ना :
भाड़ झोँकना :
भाड़े का टट्टू :
भीगी बिल्ली बनना :
भैँस के आगे बीन बजाना :
मक्खन लगाना :
मक्खियाँ मारना :
मन के लड्डू :
माथा ठनकना :
मिट्टी का माधो :
मिट्टी खराब करना :
मिट्टी मेँ मिल जाना :
मुँहतोड़ जवाब देना :
मुँह की खाना :
मुँह में पानी भर आना :
मुँह खून लगना :
मुँह छिपाना :
मुँह रखना :
मुँह पर कालिख पोतना :
मुँह उतरना :
मुँह ताकना :
मुँह बंद करना :
मुट्ठी मेँ होना :
मुट्ठी गर्म करना :
मोहर लगा देना :
मौत सिर पर खेलना :
रंग उड़ना :
रंग मेँ भंग पड़ना :
रंग बदलना :
रंगा सियार होना :
रफूचक्कर होना :
राई का पहाड़ बनाना :
रोँगटे खड़े होना :
रोड़ा अटकाना :
रोम–रोम खिल उठना :
लँगोटी मेँ फाग खेलना :
लकीर पीटना :
लकीर का फकीर होना :
लड़ाई मोल लेना :
लट्टू होना :
ललाट मेँ लिखा होना :
लहू का घूँट पीना :
लाख का घर राख :
लाल–पीला होना :
लुटिया डुबोना :
लेने के देने पड़ना :
लोहा मानना :
लोहे के चने चबाना :
विष उगलना :
शरणागत :- पनाह-शरण लेना या आना।
शरणागत :- पनाह-शरण लेना या आना।
शहद लगाकर चाटना :
शिकार हाथ लगना :
शैतान की आँत :
शैतान के कान कतरना :
श्रीगणेश करना :
सब्ज बाग दिखाना :
साँप को दूध पिलाना :
साँप–छछूंदर की गति होना :
साँप सूँघ जाना :
सात घाट का पानी पीना :
सिँदूर चढ़ाना :
सिट्टी–पिट्टी गुम हो जाना :
सितारा चमकना :
सिर पर कफना बाँधना :
सिर पर सवार होना :
सिर पर चढ़ना :
सिर मढ़ना :
सिर मुँड़ाते ओले पड़ना :
सिर से बला टलना :
सिर आँखोँ पर रखना :
सिर पर हाथ होना :
सिर पर भूत सवार होना :
सिर पर मौत खेलना :
सिर पर खून सवार होना :
सिर–धड़ की बाजी लगाना :
सिर नीचा करना :
सिर उठाना :
सिर ओखली मेँ देना :
सिर पर चढ़ाना :
सिर से पानी गुजरना :
सिर पर पाँव रखकर भागना :
सिर धुनना :
सीँग काटकर बछड़ोँ मेँ मिलना :
सूखे धान पर पानी पड़ना :
सूर्य को दीपक दिखाना :
सोने की चिड़िया हाथ से निकलना :
सोने पर सुहागा होना :
हक्का–बक्का रहना :
हथियार डाल देना :
हवाई किले बनाना :
हथेली पर सरसोँ उगना :
हजामत बनाना :
हथेली पर जान लिए फिरना :
हवा लगना :
हवा से बातें करना :
हवा हो जाना :
हवा पलटना :
हवा का रुख पहचानना :
हाथ का मैल :
हाथ कट जाना :
हाथ मेँ करना :
हाथ को हाथ न सूझना ;
हाथ खाली होना :
हाथ खींचना :
हाथ पे हाथ धरकर बैठना :
हाथों के तोते उड़ना :
हाथोंहाथ :
हाथ मलते रह जाना :
हाथ साफ करना :
हाथ–पाँव मारना :
हाथ–पाँव फूलना :
हाथ डालना :
हाथ फैलाना :
हाथ धोकर पीछे पड़ना :
हिन्दी की चिन्दी निकालना :
हुक्का–पानी बन्द कर देना :
हुलिया बिगाड़ना :
लोकोक्तियाँ-कहावतेँ ::
लोकोक्ति का अर्थ है, लोक की उक्ति अर्थात् जन–कथन। लोकोक्तियाँ अथवा कहावतेँ लोक–जीवन की किसी घटना या अन्तर्कथा से जुड़ी रहती हैँ। इनका जन्म लोक–जीवन मेँ ही होता है। प्रत्येक लोकोक्ति समाज मेँ प्रचलित होने से पूर्व मेँ अनेक बार लोगोँ के अनुभव की कसौटी पर कसी गई है और सभी लोगोँ के अनुभव उस लोकोक्ति के साथ एक से रहे हैँ, तब वह कथन सर्वमान्य रूप से हमारे सामने है। लोकोक्तियाँ दिखने मेँ छोटी लगती हैँ, परन्तु उनमेँ अधिक भाव रहता है। लोकोक्तियोँ के प्रयोग से रचना मेँ भावगत विशेषता आ जाती है।
मुहावरे एवं लोकोक्ति मेँ अन्तर ::
मुहावरा वाक्यांश होता है तथा इसके अन्त मेँ ‘होना’, ‘जाना’, ‘देना’, ‘करना’ आदि क्रिया का मूल रूप रहता है, जिसका वाक्य मेँ प्रयोग करते समय लिँग, वचन, काल, कारक आदि के अनुसार रूप बदल जाता है। जबकि लोकोक्ति अपने आप मेँ पूर्ण वाक्य होती है और प्रयोग स्वतन्त्र वाक्य की तरह ज्योँ का त्योँ होता है।
प्रमुख लोकोक्तियाँ व उनका अर्थ ::
अंडा सिखावे बच्चे को चीं-चीं मत कर :
अंडे सेवे कोई, बच्चे लेवे कोई :
अंडे होंगे तो बच्चे बहुतेरे हो जाएंगे :
अंत भला सो सब भला :
अंत भले का भला :
अंधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपनोँ को देय :
अंधा क्या चाहे, दो आँखें :
अंधा क्या जाने बसंत बहार :
अंधा पीसे कुत्ता खाय :
अंधा बगुला कीचड़ खाय :
अंधा सिपाही कानी घोड़ी, विधि ने खूब मिलाई जोड़ी; राम मिलाई जोड़ी एक अँधा एक कोढ़ी :
अंधे अंधा ठेलिया दोनों कूप पड़ंत :
अंधे की लाठी :
अंधे के आगे रोये, अपनी आँखें खोये :
अंधे के हाथ बटेर लगना :
अंधे को अंधा कहने से बुरा लगता है; काणे को काणा कहो
अंधे को अँधेरे में बड़े दूर की सूझी :
अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा :
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता :
अकेला हँसता भला न रोता भला :
अक्ल बड़ी या भैंस :
अच्छी मति जो चाहों, बूढ़े पूछन जाओ :
अटकेगा सो भटकेगा :
अधजल गगरी छलकत जाए :
अनजान सुजान, सदा कल्याण :
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत :
अढ़ाई हाथ की ककड़ी, नौ हाथ का बीज :
बिन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीख :
अपना-अपना कमाना, अपना-अपना खाना :
अपना ढेंढर देखे नहीं, दूसरे की फुल्ली निहारे :
अपना मकान कोट समान :
अपना रख पराया चख :
अपना लाल गँवाय के दर-दर माँगे भीख :
अपना ही सोना खोटा तो सुनार का क्या दोष :
अपनी- अपनी खाल में सब मस्त :
अपनी-अपनी ढफली, अपना-अपना राग :
अपनी करनी पार उतरनी :
अपनी गरज से लोग गधे को भी बाप बनाते हैं :
अपनी गरज बावली :
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है :
अपनी गँठ पैसा तो पराया आसरा कैसा :
अपनी चिलम भरने के लिए दूसरे का झोँपड़ा जलाना :
अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता :
अपनी जाँघ उघारिए आपहि मरिए लाज :
अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागना :
अपनी नाक कटे तो कटे दूसरों का सगुन तो बिगड़े :
अपनी पगड़ी अपने हाथ :
अपने किए का क्या इलाज :
अपने मरे बिना स्वर्ग नहीं दिखता :
अपने पूत को कोई काना नहीं कहता :
अपने मुँह मिया मिट्ठू बनना :
अब की अब, तब की तब :
अब सतवंती होकर बैठी लूट लिया सारा संसार :
अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नहीं टूटे :
अभी दिल्ली दूर है :
अरहर की टट्टी गुजराती ताला :
अजब तेरी माया, कहीं धूप कहीं छाया :
अशर्फियाँ लुटाकर कोयलों पर मोहर लगाना :
आँख एक नहीं कजरौटा दस-दस :
आँख ओट पहाड़ ओट :
आँख और कान में चार अंगुल का फर्क :
आँख का अंधा नाम नैनसुख :
आ रे बैल मुझे मार :
आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात :
आई मौज फकीर की, दिया झोँपड़ा फूँक :
आई है जान के साथ जाएगी जनाज़े के साथ :
आग कह देने से मुँह नहीं जल जाता :
आग का जला आग ही से अच्छा होता है :
आग खाएगा तो अंगार उगलेगा :
आग बिना धुआँ नहीं :
आगे जाए घुटना टूटे, पीछे देखे आँख फूटे :
आगे नाथ न पीछे पगहा :
आज का बनिया कल का सेठ :
आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए, बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए :
आदमी-आदमी में अंतर कोई हीरा कोई कंकर :
आदमी की दवा आदमी है :
आदमी को ढाई गज कफन काफी है :
आदमी जाने बसे सोना जाने कसे :
आम के आम गुठलियों के दाम :
आधा तीतर आधा बटेर :
आधी छोड़ पूरी को धावै, आधी मिले न पूरी पावै :
आप काज़ महा काज़ :
आप भला तो जग भला :
आप मरे जग परलो :
आप मियाँ जी मँगते द्वार खड़े दरवेश :
आपा तजे तो हरि को भजे :
आम खाने से काम, पेड़ गिनने से क्या मतलब :
आए की खुशी न गए का गम :
आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास :
आसमान का थूका मुँह पर आता है :
आसमान से गिरा खजूर पर अटका :
इक नागिन अरु पंख लगाई :
इतना खाए जितना पावे :
इतनी सी जान, गज भर की ज़बान :
इधर कुआँ उधर खाई :
इधर न उधर, यह बला किधर :
इन तिलों में तेल नहीं :
इसके पेट में दाढ़ी है :
इस हाथ दे उस हाथ ले :
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे :
उगले तो अंधा, खाए तो कोढ़ी :
उत्तर जाए या दक्खिन, वही करम के लक्ख़न :
उल्टी गंगा पहाड़ चली :
उल्टे बाँस बरेली को :
ऊँची दुकान फीका पकवान :
ऊँट किस करवट बैठता है :
ऊँट के मुँह में जीरा :
ऊधो का लेना न माधो का देना :
एक अंडा वह भी गंदा :
एक अनार सौ बीमार :
एक आवे के बर्तन :
एक और एक ग्यारह होते हैं :
एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा :
एक गंदी मछली सारे तलाब को गंदा कर देती है :
एक टकसाल के ढले :
एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी :
एक तो चोरी ऊपर से सीना-जोरी :
एक ही थैली के चट्टे-बट्टे :
एक मुँह दो बात :
एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती :
एक हाथ से ताली नहीं बजती :
एक ही लकड़ी से सबको हाँकना :
एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय :
ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डरना :
ओस चाटे प्यास नहीं बुझती :
कंगाली में आटा गीला :
ककड़ी के चोर को फाँसी नहीं दी जाती :
कचहरी का दरवाजा खुला है :
कड़ाही से गिरा चूल्हे में पड़ा :
कब्र में पाँव लटकना :
कभी के दिन बड़े कभी की रात :
कभी नाव गाड़ी पर, कभी गाड़ी नाव पर :
कमली ओढ़ने से फकीर नहीं होता :
कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात वापस नहीं आती :
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान :
करम के बलिया, पकाई खीर हो गया दलिया :
करमहीन खेती करे, बैल मरे या सूखा पड़े :
कर लिया सो काम, भज लिया सो राम :
कर सेवा तो खा मेवा :
करे कोई भरे कोई :
करे दाढ़ी वाला, पकड़ा जाए जाए मुँछों वाला :
कल किसने देखा है :
कलार की दुकान पर पानी पियो तो भी शराब का शक होता है :
कहाँ राम–राम, कहाँ टाँय–टाँय :
कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा, भानमती ने कुनबा जोड़ा :
कहे खेत की, सुने खलिहान की :
का वर्षा जब कृषी सुखाने :
कागज़ की नाव नहीं चलती :
काजल की कौठरी में कैसेहु सयानो जाय एक लीक काजल की लगिहै सो लागिहै :
काज़ी जी दुबले क्यों? शहर के अंदेशे से :
काठ की हाँडी एक बार ही चढ़ती है :
कान में तेल डाल कर बैठना :
काबुल में क्या गधे नहीं होते :
काम का न काज का, दुश्मन अनाज का :
काम को काम सिखाता है :
काल के हाथ कमान, बूढ़ा बचे न जवान :
काल न छोड़े राजा, न छोड़े रंक :
काला अक्षर भैंस बराबर :
काली के ब्याह मेँ सौ जोखिम :
किया चाहे चाकरी राखा चाहे मान :
किस खेत की मूली है :
किसी का घर जले कोई तापे :
कुंजड़ा अपने बेरों को खट्टा नहीं बताता :
कुँए की मिट्टी कुँए में ही लगती है :
कुतिया चोरों से मिल जाए तो पहरा कौन देय :
कुत्ता भी दुम हिलाकर बैठता है :
कुत्ते की दुम बारह बरस नली में रखो तो भी टेढ़ी की टेढ़ी :
कुत्ते को घी नहीं पचता :
कुत्ता भूँके हजार, हाथी चले बजार :
कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है :
कै हंसा मोती चुगे कै भूखा मर जाय :
कोई माल मस्त, कोई हाल मस्त :
कोठी वाला रोवें, छप्पर वाला सोवे :
कोयल होय न उजली सौ मन साबुन लाइ :
कोयले की दलाली में मुँह काला :
कौड़ी नहीं गाँठ चले बाग की सैर :
कौन कहे राजाजी नंगे हैं :
कौआ चला हंस की चाल, भूल गया अपनी भी चाल :
क्या पिद्दी और क्या पिद्दी का शोरबा :
खग जाने खग ही की भाषा :
ख्याली पुलाव से पेट नहीं भरता :
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है :
खाक डाले चाँद नहीं छिपता :
खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय :
खाली बनिया क्या करे, इस कोठी का धान उस कोठी में धरे :
खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे :
खुदा की लाठी में आवाज़ नहीं होती :
खुदा गंजे को नाखून नहीं देता :
खुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है :
खुशामद से ही आमद है :
खूँटे के बल बछड़ा कूदे :
खेत खाए गदहा, मार खाए जुलाहा :
खेती अपन सेती :
खेल-खिलाड़ी का, पैसा मदारी का :
खोदा पहाड़ निकली चुहिया :
गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए यमुनादास :
गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके :
गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता :
गधा भी कहीं घोड़ा बन सकता है :
गई माँगने पूत, खो आई भरतार :
गर्व का सिर नीचा :
गरीब की लुगाई सब की भौजाई :
गरीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान :
गरीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए :
गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त :
गाँठ का पूरा, आँख का अंधा :
गीदड़ की मौत आती है तो वह गाँव की ओर भागता है :
गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज :
गुड़ दिए मरे तो जहर क्यों दें :
गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें :
गुरु-गुड़ ही रहे, चेले शक्कर हो गए :
गूदड़ में लाल नहीं छिपता :
गेहूँ के साथ घुन भी पिसता है :
गोद में बैठकर आँख में उँगली करना, गोदी में बैठकर दाढ़ी नोचना :
गोद में छोरा, शहर में ढिंढोरा :
घड़ी भर में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा :
घड़ी में तोला, घड़ी में माशा :
घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते :
घर का जोगी जोगड़ा, आन गाँव का सिद्ध :
घर का भेदी लंका ढाए :
घर की मुर्गी दाल बराबर :
घर खीर तो बाहर खीर :
घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने :
घायल की गति घायल जाने :
घी गिरा खिचड़ी में :
घी सँवारे काम बड़ी बहू का नाम :
घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खाएगा क्या? :
घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपने ही मक्खियाँ उड़ाएगा :
घोड़े को लात, आदमी को बात :
चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे :
चट मँगनी पट ब्याह :
चढ़ जा बेटा सूली पर, भगवान भला करेंगे :
चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए :
चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको :
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए :
चमार चमड़े का यार :
चरसी यार किसके दम लगाया खिसके :
चलती का नाम गाड़ी :
चाँद को भी ग्रहण लगता है :
चाकरी में न करी क्या? :
चार दिन की चाँदनी फिर अँधियारी रात :
चिकना मुँह पेट खाली :
चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता :
चिकने मुँह को सब चूमते हैं :
चिड़िया की जान गई, खाने वाले को मजा न आया :
चित भी मेरी पट भी मेरी अंटी मेरे बाबा का :
चिराग तले अँधेरा :
चिराग में बत्ती और आँख में पट्टी :
चींटी की मौत आती है तो उसके पर निकलने लगते हैं :
चील के घोँसले में मांस कहाँ :
चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है :
चुल्लू भर पानी में डूब मरना :
चुल्लू-चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा :
चूल्हे की न चक्की की :
चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है :
चूहे के चाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं :
चूहों की मौत बिल्ली का खेल :
चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली :
चोर के पैर नहीं होते :
चोर-चोर मौसेरे भाई :
चोर-चोरी से जाए, हेरा-फेरी से न जाए :
चोर लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले :
चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो :
चोरी और सीना जोरी :
चोरी का धन मोरी में :
चौबे गए छब्बे बनने, दूबे ही रह गए :
छछूँदर के सिर में चमेली का तेल :
छलनी कहे सूई से तेरे पेट में छेद :
छाज (सूप) बोले तो बोले, छलनी भी बोले जिसमें हजार छेद :
छीके कोई, नाक कटावे कोई :
छुरी खरबूजे पर गिरे या खरबूजा छुरी पर :
छोटा मुँह बड़ी बात :
छोटे मियाँ तो छोटे मियाँ, बड़े मियाँ सुभान अल्लाह :
जंगल में मोर नाचा किसने देखा :
जड़ काटते जाएं, पानी देते जाएं :
जने-जने की लकड़ी, एक जने का बोझ :
जब चने थे दाँत न थे, जब दाँत भये तब चने नहीं :
जब तक जीना तब तक सीना :
जब तक साँस तब तक आस :
जबरदस्ती का ठेंगा सिर पर :
जबरा मारे रोने न दे :
जबान को लगाम चाहिए :
ज़बान ही हाथी चढ़ाए, ज़बान ही सिर कटाए :
जर का जोर पूरा है, और सब अधूरा है :
जर है तो नर नहीं तो खंडहर :
जल में रहकर मगर से बैर :
जस दूल्हा तस बाराती :
जहाँ-जहाँ पैर पड़े संतन के,
जहाँ गुड़ होगा, वहीं मक्खियाँ होंगी :
जहाँ चार बर्तन होंगे, वहाँ खटकेंगे भी :
जहाँ चाह है वहाँ राह है :
जहाँ देखे तवा परात, वहाँ गुजारे सारी रात :
जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि :
जहाँ फूल वहाँ काँटा :
जहाँ मुर्गा नहीं होता, क्या वहाँ सवेरा नहीं होता :
जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई :
जागेगा सो पावेगा, सोवेगा सो खोएगा :
जादू वह जो सिर पर चढ़कर बोले :
जान मारे बनिया पहचान मारे चोर :
जाए लाख, रहे साख :
जितना गुड़ डालोगे, उतना ही मीठा होगा :
जितनी चादर हो, उतने ही पैर पसारो :
जितने मुँह उतनी बातें :
जिन खोजा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैंठ :
जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना :
जिसका काम उसी को साजै :
जिसका खाइए उसका गाइए :
जिसका जूता उसी का सिर :
जिसकी लाठी उसकी भैंस :
जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई :
जिसको पिया चाहे, वहीं सुहागिन :
जर जाए, घी न जाए :
जीती मक्खी नहीं निगली जाती :
जीभ भी जली और स्वाद भी न आया :
जूठा खाए मीठे के लालच :
जैसा करोगे वैसा भरोगे :
जैसा बोवोगे वैसा काटोगे :
जैसा मुँह वैसा थप्पड़ :
जैसा राजा वैसी प्रजा :
जैसी करनी वैसी भरनी :
जैसे तेरी बाँसुरी, वैसे मेरे गीत :
जैसे कंता घर रहे वैसे रहे परदेश :
जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ :
जो गरजते हैं वो बरसते नहीं :
जोगी का बेटा खेलेगा तो साँप से :
जो गुड़ खाए सो कान छिदाए :
जो तोको काँटा बुवे ताहि बोइ तू फूल :
जो बोले सों घी को जाए :
जो हाँडी में होगा वह थाली में आएगा :
ज्यों-ज्यों भीजे कामरी त्यों-त्यों भारी होय :-
झूठ के पाँव नहीं होते :
झोपड़ी में रहें, महलों के ख्वाब देखें :
टके का सब खेल है :
ठंडा करके खाओ :
ठंडा लोहा गरम लोहे को काट देता है :
ठोक बजा ले चीज, ठोक बजा दे दाम :
ठोकर लगे तब आँख खुले :
डण्डा सब का पीर :
डायन को दामाद प्यारा :
डूबते को तिनके का सहारा :
ढाक के तीन पात :
ढोल के भीतर पोल :
तख्त या तख्ता :
तबेले की बला बंदर के सिर :
तन को कपड़ा न पेट को रोटी :
तलवार का खेत हरा नहीं होता :
ताली दोनों हाथों से बजती है :
तिरिया बिन तो नर है ऐसा, राह बटाऊ होवे जैसा :
तीन बुलाए तेरह आए, दे दाल में पानी :
तीन में न तेरह में :
तेरी करनी तेरे आगे, मेरी करनी मेरे आगे :
तुम्हारे मुँह में घी शक्कर :
तुरत दान महाकल्याण :
तू डाल-डाल मैं पात-पात :
तेल तिलों से ही निकलता है :
तेल देखो तेल की धार देखो :
तेल न मिठाई, चूल्हे धरी कड़ाही :
तेली का तेल जले, मशालची की छाती फटे :
तेली के बैल को घर ही पचास कोस :
तेली खसम किया, फिर भी रूखा खाया :
थका ऊँट सराय ताकता :
थूक से सत्तू नहीं सनते :
थोथा चना बाजे घना :
दमड़ी की बुढिया ढाई टका सिर मुँड़ाई :
दबाने पर चींटी भी चोट करती है :
दमड़ी की हाँड़ी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई :
दर्जी की सुई, कभी धागे में कभी टाट में :
दलाल का दिवाला क्या, मस्जिद में ताला क्या :
दाग लगाए लँगोटिया यार :
दाता दे भंडारी का पेट फटे :
दादा कहने से बनिया गुड़ देता है :
दान के बछिया के दाँत नहीं देखे जाते; मुफ्त की शराब काजी को हलाल :
दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम :
दाम सँवारे सारे काम :
दाल में काला होना :
दाल-भात में मसूरचंद
दाल में नमक, सच में झूठ :
दिनन के फेर से सुमेरू होत माटी को :
दिल्ली अभी दूर है :
दीवार के भी कान होते हैं :
दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है :
दुनिया का मुँह किसने रोका है :
दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम :
दूल्हा को पत्तल नहीं, बजनिये को थाल :
दूध का दूध पानी का पानी :
दूध पिलाकर साँप पोसना :
दूर के ढोल सुहावने :
दूसरे की पत्तल लंबा-लंबा भात :
देसी कुतिया विलायती बोली; बूढ़ी घोड़ी, लाल लगाम :
देह धरे के दण्ड हैं :
दोनों हाथों में लड्डू :
दो लड़े तीसरा ले उड़े :
धनवंती को काँटा लगा दौड़े लोग हजार :
धन्ना सेठ के नाती बने हैं :
धर्म छोड़ धन कौन खाए :
धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए हैं :
धोबी का गधा घर का ना घाट का :
धोबी पर बस न चला तो गधे के कान उमेठे :
धोबी के घर पड़े चोर, लुटे कोई और :
धोबी रोवे धुलाई को, मियाँ रोवे कपड़े को :
नंग बड़ा भगवान् से :
नंगा क्या नहाएगा क्या निचोड़ेगा :
नंगे से खुदा डरे :
न अंधे को न्योता देते न दो जने आते :
न इधर के रहे, न उधर के रहे :
नकटा बूचा सबसे ऊँचा :
नक्कारखाने में तूती की आवाज :
नदी किनारे रूखड़ा जब-तब होय विनाश :
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी :
नमाज़ छुड़ाने गए थे, रोज़े गले पड़े :
नया नौ दिन पुराना सौ दिन :
न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी :
नाई की बरात में सब ही ठाकुर :
नाक कटी पर घी तो चाटा :
नाच न जाने आँगन टेढ़ा :
नानी के आगे ननिहाल की बातें :
नानी के टुकड़े खावे, दादी का पोता कहावे :
नानी क्वाँरी मर गई, नाती के नौ-नौ ब्याह :
नाम बड़े दर्शन छोटे :
नाम बढ़ावे दाम :
नामी चोर मारा जाए, नामी शाह कमाए खाए :
नीचे की साँस नीचे, ऊपर की साँस ऊपर :
नीचे से जड़ काटना, ऊपर से पानी देना :
नीम हकीम खतरा-ए-जान :
नेकी और पूछ-पूछ :
नौ दिन चले अढ़ाई कोस :
नौ नकद, न तेरह उधार :
नौ सौ चूहे खा के बिल्ली हज को चली :
पंच कहे बिल्ली तो बिल्ली ही सही :
पंचों का कहना सिर माथे पर, पर नाला वहीं रहेगा :
पकाई खीर पर हो गया दलिया :
पगड़ी रख, घी चख :
पढ़े तो हैं, पर गुने नहीं :
पढ़े फारसी बेचे तेल :
पत्थर को जोंक नहीं लगती :
पत्थर मोम नहीं होता :
पराया घर थूकने का भी डर :
पराये धन पर लक्ष्मीनारायण :
पहले तोलो, फिर बोलो :
पाँच पंच मिल कीजे काजा, हारे-जीते कुछ नहीं लाजा :
पाँचों उँगलियाँ घी में :
पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होतीं :
पागलों के क्या सींग होते हैं :
पानी केरा बुलबुला अस मानुस के जात :
पानी पीकर जात पूछते हो :
पाप का घड़ा डूब कर रहता है :
पिया गए परदेश, अब डर काहे का :
पीर बावर्ची भिस्ती खर :
पूत के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं :
पूत सपूत तो का धन संचय, पूत कपूत तो का धन संचय :
पूरब जाओ या पच्छिम, वही करम के लच्छन :
पेड़ फल से जाना जाता है :-
प्यासा कुएँ के पास जाता है :
फिसल पड़े तो हर गंगे :
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद :
बकरे की जान गई खाने वाले को मज़ा नहीँ आया :
बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है :
बड़े बरतन का खुरचन भी बहुत है :
बड़े बोल का सिर नीचा :
बनिक पुत्र जाने कहा गढ़ लेवे की बात :
बनी के सब यार हैं :
बरतन से बरतन खटकता ही है :
बहती गंगा में हाथ धोना :
बाँझ का जाने प्रसव की पीड़ा :
बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे :
बाप भला न भइया, सब से भला रूपइया :
बाप न मारे मेढकी, बेटा तीरंदाज़ :
बाप से बैर, पूत से सगाई :
बारह गाँव का चौधरी अस्सी गाँव का राव, अपने काम न आवे तो ऐसी-तैसी में जाव :
बारह बरस पीछे घूरे के भी दिन फिरते हैं :
बासी कढ़ी में उबाल नहीं आता :
बासी बचे न कुत्ता खाय :
बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप :
बिच्छू का मंतर न जाने, साँप के बिल में हाथ डाले :
बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती :
बिल्ली और दूध की रखवाली ?, जलेबी की रखवाली कुतिया :
बिल्ली के सपने में चूहा :
बिल्ली गई चूहों की बन आयी :
बीमार की रात पहाड़ बराबर :
बुड्ढी घोड़ी लाल लगाम :
बुढ़ापे में मिट्टी खराब :
बुढिया मरी तो आगरा तो देखा :
बूँद-बूँद से घड़ा भरता है :
बूढे तोते भी कही पढ़ते हैं :
बिल्ली के भागों छींका टूटा :
बोए पेड़ बबूल के आम कहाँ से होय :
भरी गगरिया चुपके जाय :
भरे पेट शक्कर खारी :
भले का भला :
भलो भयो मेरी मटकी फूटी मैं दही बेचने से छूटी :
भलो भयो मेरी माला टूटी राम जपन की किल्लत छूटी :
भागते भूत की लँगोटी ही सही :
भीख माँगे और आँख दिखाए :
भूख लगी तो घर की सूझी :
भूखे भजन न होय गोपाला :
भूल गए राग रंग भूल गई छकड़ी, तीन चीज़ याद रहीं नून तेल लकड़ी :
भैंस के आगे बीन बजे, भैंस खड़ी पगुराय :
भौंकते कुत्ते को रोटी का टुकड़ा :
मछली के बच्चे को तैरना कौन सिखाता है :
मजनू को लैला का कुत्ता भी प्यारा :
मतलबी यार किसके, दम लगाया खिसके :
मन के लड्ड़ओं से भूख नहीं मिटती :
मन चंगा तो कठौती में गंगा :
मरज़ बढ़ता गया ज्यों-ज्यों इलाज करता गया :
मरता क्या न करता :
मरी बछिया बांभन के सिर :
मलयागिरि की भीलनी चंदन देत जलाय :
माँ का पेट कुम्हार का आवा :
माँगे हरड़, दे बेहड़ा :
मान न मान मैं तेरा मेहमान :
मानो तो देवता नहीं तो पत्थर :
माया से माया मिले कर-कर लंबे हाथ :
माया बादल की छाया :
मार के आगे भूत भागे :
मियाँ की जूती मियाँ का सिर :
मिस्सों से पेट भरता है किस्सों से नहीं :
मीठा-मीठा गप, कड़वा-कड़वा थू-थू :-
मुँह में राम बगल में छुरी :-
मुँह माँगी मौत नहीं मिलती :-
मुफ्त की शराब काज़ी को भी हलाल :-
मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक :
मोरी की ईंट चौबारे पर :
म्याऊँ के ठोर को कौन पकड़े :
यह मुँह और मसूर की दाल :
रंग लाती है हिना पत्थर पे घिसने के बाद :
रस्सी जल गई पर ऐंठ न गई :
राजा के घर मोतियों का अकाल? :
रानी रूठेगी तो अपना सुहाग लेगी :
राम की माया कहीं धूप कहीं छाया :
राम मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी :
राम राम जपना पराया माल अपना :
रोज कुआँ खोदना, रोज पानी पीना :
रोगी से वैद :
लड़े सिपाही नाम सरदार का :
लड्डू कहे मुँह मीठा नहीं होता :
लातों के भूत बातों से नहीं मानते :
लाल गुदड़ी में नहीं छिपते :- मनुष्य के
लिखे ईसा पढ़े मूसा :-
लेना एक न देना दो :-
लोहा लोहे को काटता है :-
वहम की दवा हकीम लुकमान के पास भी नहीं है :-
विष को सोने के बरतन में रखने से अमृत नहीं हो जाता :-
शौकीन बुढिया मलमल का लहँगा :-
शक्कर खोरे को शक्कर और टक्कर खोरे को टक्कर मिल ही जाती है :-
सकल तीर्थ कर आई तुमड़िया तौ भी न गयी तिताई :-
सख़ी से सूम भला जो तुरन्त दे जवाब :-
सच्चा जाय रोता आय, झूठा जाय हँसता आय-
सबेरे का भूला सांझ को घर आ जाए तो भूला नहीं कहलाता :-
समय पाइ तरूवर फले केतिक सीखे नीर :-
समरथ को नहिं दोष गोसाई :-
ससुराल सुख की सार जो रहे दिना दो चार :-
सहज पके सो मीठा होय :-
साँच को आँच नहीं :-
साँप के मुँह में छछूँदर :-
साँप निकलने पर लकीर पीटना :-
सारी उम्र भाड़ ही झोँका :-
सारी देग में एक ही चावल टटोला जाता है :-
सावन के अंधे को हरा ही हरा सूझता है :
सावन हरे न भादों सूखे :
सिंह के वंश में उपजा स्यार :
सिर फिरना :
सीधे का मुँह कुत्ता चाटे :
सुनते-सुनते कान पकना :
सूत न कपास जुलाहे से लठालठी :
सूरज धूल डालने से नहीं छिपता :
सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो रंग :
सेर को सवा सेर :
सौ दिन चोर के, एक दिन साहूकार का :
सौ सुनार की एक लोहार की :
हज्जाम के आगे सबका सिर झुकता है :
हथेली पर दही नहीँ जमता :
हड्डी खाना आसान पर पचाना मुश्किल :
हर मर्ज की दवा होती है :
हराम की कमाई हराम में गँवाई :
हवन करते हाथ जलना :
हल्दी लगे न फिटकरी रंग आए चोखा :
हाथ सुमरनी पेट, बगल कतरनी :
हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या :
हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और :
हाथी निकल गया दुम रह गई :
हिजड़े के घर बेटा होना :
हीरे की परख जौहरी जानता है :
होनहार बिरवान के होत चीकने पात :
होनी हो सो होय :
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