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AUSPICIOUS & INAUSPICIOUS SIGN OVER THE BODY सामुद्रिक शास्त्र में शुभा-शुभ लक्षण

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सामुद्रिक शास्त्र में शुभा-शुभ लक्षण A TREATISE ON PALMISTRY  हस्तरेखा शास्त्र  CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM By :: Pt. Santosh Bhardwaj dharmvidya.wordpress.com hindutv.wordpress.com santoshhastrekhashastr.wordpress.com  bhagwatkathamrat.wordpress.com jagatgurusantosh.wordpress.com   santoshkipathshala.blogspot.com santoshsuvichar.blogspot.com santoshkathasagar.blogspot.com bhartiyshiksha.blogspot.com santoshhindukosh.blogspot.com ॐ गं गणपतये नम:। अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्। निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥ कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि [श्रीमद्भगवद्गीता 2.47] जातक, रमल, केरलीय प्रश्न आदि अंगों की तरह सामुद्रिक शास्त्र भी ज्योतिषशास्त्र का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। पौराणिक आचार्यों का कथन है कि भगवान विष्णु ने सामुद्रिक नामक ब्राह्मण का अवतार लेकर जो फल कथन किया है उसे सामुद्रिक शास्त्र कहा गया है। कुछ अन्य लोगों का मत है कि समुद्र में शयन करने वाले भगवान विष्णु और लक्ष्मी के सौन्दर्य तथा शुभ लक्षणों को देखकर समुद्रदेव ने ही इ

FISH LINE मत्स्य रेखा (A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र)

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FISH LINE मत्स्य रेखा (A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र) CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM By :: Pt. Santosh Bhardwaj dharmvidya.wordpress.com hindutv.wordpress.com santoshhastrekhashastr.wordpress.com bhagwatkathamrat.wordpress.com jagatgurusantosh.wordpress.com   santoshkipathshala.blogspot.com santoshsuvichar.blogspot.com santoshkathasagar.blogspot.com bhartiyshiksha.blogspot.com santoshhindukosh.blogspot.com ॐ गं गणपतये नम:। अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्। निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥ कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥ [श्रीमद्भगवद्गीता 2.47] Video link :: https://youtu.be/9eiIBv47620 यह रेखा जीवन रेखा के अन्त में और सूर्य रेखा के ऊपर लगभग 55-65 वर्ष की आयु के दौरान दिखाई देती है। यह रेखा एक प्रकार का द्वीप है जो कि कई कटी-फ़टी रेखाओं द्वारा मिलकर बनता है। इसका प्रभाव शुभ है। यह जातक को धन-धान्य और उसकी आवश्यकता के अनुरूप हर सुख-साधन, समृध्दि प्रदान करती है। FISH LINE-life line, sun line यह रेखा सामन्यतया जातक के द