AYUR VED (4.3) आयुर्वेद :: MEDICINAL PROPERTIES OF DRY FRUITS मेवों के औषधीय गुण

DRY FRUITS
मेवों के औषधीय गुण
AYUR VED (4.3) आयुर्वेद 
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM 
By :: Pt. Santosh  Bhardwaj  
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 ॐ गं गणपतये नम:।
अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
[श्रीमद् भगवद्गीता 2.47]
ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय, धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय, सकला भय विनाशाय, सर्व रोग निवारणाय, त्रिलोक पठाय,  त्रिलोक लोकनिथाये,  ॐ श्री महाविष्णु स्वरूपा,  ॐ श्री श्री ॐ  औषधा चक्र नारायण स्वाहा
वेद मंत्रों में देव शब्द के प्रयोग द्वारा देवताओं की सामूहिक स्तुति की गई है। रोग मुक्त शतायु जीवन की कामना के साथ उपयुक्त मंत्र अथर्ववेद एवं यजुर्वेद में है। दोनों ही वेदों में तत्संबंधी मंत्र ‘पश्येम शरदः शतम्’ से आरंभ होते हैं। 
छोटी इलायची :: यह सुंगधित, जठराग्निवर्धक, शीतल, मूत्रल, वातहर, उत्तेजक व पाचक होती है। इसका प्रयोग खाँसी, अजीर्ण, अतिसार, बवासीर, पेटदर्द, श्वास (दमा) तथा दाहयुक्त तकलीफों में किया जाता है।
औषधीय प्रयोग :: अधिक केले खाने से हुई बदहजमी एक इलायची खाने से दूर हो जाती है।धूप में जाते समय तथा यात्रा में जी मचलाने पर एक इलायची मुँह में डाल दें।
1 कप पानी में 1 ग्राम इलायची चूर्ण डालके 5 मिनट तक उबालें। इसे छानकर एक चम्मच शक्कर मिलायें। 2-2 चम्मच यह पानी 2-2 घंटे के अंतर लेने से जी मचलाना, उबकाई आना, उल्टी आदि में लाभ होता है।
छिलके सहित छोटी इलायची तथा मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनालें। चुटकी भर चूर्ण को 1-1 घंटे के अंतर से चूसने से सूखी खाँसी में लाभ होता है। कफ पिघलकर निकल जाता है।
रात को भिगोये 2 बादाम सुबह छिलके उतारकर घिसलें। इसमें एक ग्राम इलायची चूर्ण, आधा ग्राम जावित्री चूर्ण, एक चम्मच मक्खन तथा आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाली पेट खाने से वीर्य पुष्ट व गाढ़ा होता है।
आधा से एक ग्राम इलायची चूर्ण का आँवले के रस या चूर्ण के साथ सेवन करने से पेशाब और हाथ-पैरों की जलन दूर होती है।
आधा ग्राम इलायची दाने का चूर्ण और 1-2 ग्राम पीपरामूल चूर्ण को घी के साथ रोज सुबह चाटने से ह्रदयरोग में लाभ होता है।
छिलके सहित एक इलायची को आग में जलाकर राख कर लें। इस राख को शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है।
एक ग्राम इलायची दाने का चूर्ण दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आती है एवं मूत्रमार्ग की जलन शांत होती है।
सावधानी :: रात को इलायची न खायें, इससे खट्टी डकारें आती है। इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने की भी सम्भावना रहती है।
अंजीर FIG TREE & ITS FRUITS :: अंजीर सर्दियों में खाने पर विशेष फयदा करता है। यह कब्ज को दूर करता है। इसमें में आयरन की काफी मात्रा में होता है। इसमें पानी 80 प्रतिशल, प्रोटीन 3.5 प्रतिशत, वसा 0.2, रेशे 2.3 प्रतिशत, क्षार 0.7 प्रतिशत, कैल्शियम 0.06 प्रतिशत, फॉस्फोरस 0.03, और आयरन 1.2 मिग्रा होता है। अंजीर में सोडियम के अलावा पोटेशियम, तांबा , सल्फर और क्लोरिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। ताजे अंजीर में विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है। जबकि विटामिन बी और सी सामान्य होता है। ताजे अंजीर की तुलना में सूखे अंजीर में शर्करा और क्षार तीन गुना अधिक पाया जाता है।
अंजीर सर्दियों में खाने पर विशेष फयदा करता है। यह कब्ज को दूर करता है। इसमें में आयरन की काफी मात्रा में होता है। इसमें पानी 80 प्रतिशल, प्रोटीन 3.5 प्रतिशत, वसा 0.2, रेशे 2.3 प्रतिशत, क्षार 0.7 प्रतिशत, कैल्शियम 0.06 प्रतिशत, फॉस्फोरस 0.03, और आयरन 1.2 मिग्रा होता है। अंजीर में सोडियम के अलावा पोटेशियम, तांबा, सल्फर और क्लोरिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। ताजे अंजीर में विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है। जबकि विटामिन बी और सी सामान्य होता है। ताजे अंजीर की तुलना में सूखे अंजीर में शर्करा और क्षार तीन गुना अधिक पाया जाता है।
सूखे अंजीर में ओमेगा 3 और फिनॉल के साथ-साथ ओमेगा 6 फैटी एसिड्स भी होते हैं। जो दिल की बीमारियों से रोकथाम करते हैं। अंजीर में कैल्शियम भी पाया जाता है। इसीलिए ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। अंजीर में पौटेशियम होने के कारण यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।अंजीर को दूध में उबालकर सुबह-शाम ऊपर से दूध पीने से यौनशक्ति बढ़ती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह नुस्खा लाभकारी है। इससे गर्भावस्था में शरीर में लौह तत्व की कमी दूर होती है।
रोजाना 5 से 6 अंजीर को उसके टुकड़े करके 250 मि.ली. पानी में भिगो दें। सुबह उस पानी को उबालकर आधा कर दें और पी जाएं। पीने के बाद अंजीर चबाकर खाएं तो थोड़े ही दिनों में कब्जियत दूर होकर पाचनशक्ति मजबूत होगी। बच्चों के लिए 1 से 3 अंजीर पर्याप्त हैं।
अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है। अस्थमा-Asthma की बीमारी में सुबह सूखे अंजीर का सेवन करना अच्छा माना जाता है। डायबिटीज के रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है। सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक पीस कर अगर गले की सूजन या गांठ पर बांधी जाए तो लाभ पहुंचता है।
अंजीर में पेक्टिन होता है, इसीलिए ये डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है। शरीर में सोडियम की अधिक मात्रा और पोटेशियम का लेवल कम हो जाने पर हाइपरटेंशन हो जाता है। वहीं अंजीर में कम सोडियम और पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है। जो हाइपरटेंशन की समस्या को दूर करता है।
3-4 पके हुए अंजीर को छीलकर चीरे लगा दें और उसमें मिश्री का चूर्ण भर दें और रात को खुले आकाश में ओस से तर होने के लिए कहीं रख दें। सुबह इसका सेवन करें। इस नुस्खे से शरीर की गर्मी दूर होती है और खून साफ करता है।
अंजीर को साफ करके छोटे-छोटे टुकड़े में काट लें, फिर शक्कर की चाशनी बनाकर, अंजीर के टुकड़ों को मिलाकर पाक बना लें उसमें बादाम की गिरी, पिस्ता, सफेद मूसली, छोटी इलायची, केशर आदि मिलाकर रखें। एक हफ्ते बाद इसे 15-20 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें। अंजीर के इस पाक को नियमित खाने से यौन शक्ति बढ़ती है। इंद्रिय शिथिलता दूर होती है। जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और जिनमें पुरुषत्व की कमी हो ऐसे लोगों को रोजाना दो-चार अंजीर खाना चाहिए। इससे सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
अंजीर (Fig, ficus carica) के गुण :: अंजीर अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है।अंजीर में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन, थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है। 
अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है। उतना ही लाभदायक भी है।अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। इससे कफ बाहर आ जाता है। सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक पीस कर गले की सूजन या गांठ पर बाँधी जाए तो लाभ पहुंचता है। ताजे अंजीर खा कर साथ दूध का सेवन करना शक्तिवर्धक होता है। डायबिटीज के रोगी को अंजीर से लाभ पहुँचता है। 
कब्ज :: अंजीर खाने से कब्ज दूर हो जाती है। गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है। साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर सेवन से सुबह दस्त साफ होता है। 3 से 4 पके अंजीर दूध में उबालकर रात्रि में सोने से पूर्व खाएं और ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे कब्ज और बवासीर में लाभ होता है। 
माजून अंजीर 10 ग्राम को सोने से पहले लेने से कब्ज़ में लाभ होता है।
अंजीर 5 से 6 पीस को 250 मिलीलीटर पानी में उबाल लें, पानी को छानकर पीने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) में राहत मिलती है। 
2अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर खाकर ऊपर से पानी पीने पेट साफ हो जाता है। 
अंजीर के 4 दाने रात को सोते समय पानी में डालकर रख दें। सुबह उन दानों को थोड़ा सा मसलकर जल पीने से अस्थमा में बहुत लाभ मिलता है तथा इससे कब्ज भी नष्ट हो जाती है।
पेचिश और दस्त :: अंजीर का काढ़ा 3 बार पिलाएं।
दस्त साफ लाने के लिए :: दो सूखे अंजीर सोने से पहले खाकर ऊपर से पानी पीना चाहिए। इससे सुबह साफ दस्त होता है।
पेशाब का अधिक आना :: 3-4 अंजीर खाकर, 10 ग्राम काले तिल चबाने से यह कष्ट दूर होता है।
गुदा चिरना :: सूखा अंजीर 350 ग्राम, पीपल का फल 170 ग्राम, निशोथ 87.5 ग्राम, सौंफ 87.5 ग्राम, कुटकी 87.5 ग्राम और पुनर्नवा 87.5 ग्राम। इन सब को मिलाकर कूट लें और कूटे हुए मिश्रण के कुल वजन का 3 गुने पानी के साथ उबालें। एक चौथाई पानी बच जाने पर इसमें 720 ग्राम चीनी डालकर शर्बत बना लें। यह शर्बत 1 से 2 चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें।
बवासीर (अर्श) :: सूखे अंजीर के 3-4 दाने को शाम के समय जल में डालकर रख दें। सुबह उन अंजीरों को मसलकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से अर्श (बवासीर) रोग दूर होता है। 
अंजीर को गुलकन्द के साथ रोज सुबह खाली पेट खाने से शौच के समय पैखाना (मल) आसानी से होता है। 
प्यास की अधिकता :: बार-बार प्यास लगने पर अंजीर का सेवन करें। 
मुँह के छाले :: अंजीर का रस मुँह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है। 
स्त्रियों में प्रदर रोग :: अंजीर का रस 2 चम्मच शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग नष्ट हो जाते हैं।
प्रसव के समय की पीड़ा :: प्रसव के समय में 15-20 दिन तक रोज दो अंजीर दूध के साथ खाने से लाभ होता है। 
दाँतों का दर्द :: अंजीर का दूध रुई में भिगोकर दुखते दाँत पर रखकर दबाएं। अंजीर के पौधे से दूध निकालकर उस दूध में रुई भिगोकर सड़ने वाले दाँतों के नीचे रखने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं तथा दांतों का दर्द मिट जाता है। 
त्वचा के विभिन्न रोग :: कच्चे अंजीर का दूध समस्त त्वचा सम्बंधी रोगों में लगाना लाभदायक होता है।अंजीर का दूध लगाने से दिनाय (खुजली युक्त फुँसी) और दाद मिट जाते हैं। बादाम और छुहारे के साथ अंजीर को खाने से दाद, दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते है।" 
दुर्बलता (कमजोरी) :: पके अंजीर को बराबर की मात्रा में सौंफ के साथ चबा-चबाकर सेवन करें। इसका सेवन 40 दिनों तक नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है। अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है। 
ताकत को बढ़ाने वाला :: सूखे अंजीर के टुकड़े और छिली हुई बादाम गर्म पानी में उबालें। इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 8दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें। बाद में रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें। छोटे बालकों की शक्तिक्षीण के लिए यह औषधि बड़ी हितकारी है।
खून और वीर्यवद्धक :: सूखे अंजीर के टुकड़ों एवं बादाम के गर्भ को गर्म पानी में भिगोकर रख दें फिर ऊपर से छिलके निकालकर सुखा दें। उसमें मिश्री, इलायची के दानों की बुकनी, केसर, चिरौंजी, पिस्ते और बलदाने कूटकर डालें और गाय के घी में 8 दिन तक भिगोकर रखें। यह मिश्रण प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम की मात्रा में खाने से कमजोर शक्ति वालों के खून और वीर्य में वृद्धि होती है। 
एक सूखा अंजीर और 5-10 बादाम को दूध में डालकर उबालें। इसमें थोड़ी चीनी डालकर प्रतिदिन सुबह पीने से खून साफ होता है, गर्मी शांत होती है, पेट साफ होता है, कब्ज मिटती है और शरीर बलवान बनता है। 
अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर शक्तिशाली होता है, और मनुष्य के संभोग करने की क्षमता भी बढ़ती है। 
जीभ की सूजन :: सूखे अंजीर का काढ़ा बनाकर उसका लेप करने से गले और जीभ की सूजन पर लाभ होता है।
रक्तवृद्धि और शुद्धि हेतु :: 10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे रक्तविकार दूर हो जाता है। 
पुल्टिश :: ताजे अंजीर कूटकर, फोड़े आदि पर बांधने से शीघ्र आराम होता है।
फोड़े-फुँसी :: अंजीर की पुल्टिस बनाकर फोड़ों पर बांधने से यह फोड़ों को पकाती है।
गिल्टी :: अंजीर को चटनी की तरह पीसकर गर्म करके पुल्टिस बनाएं। 2-2 घंटे के अन्तराल से इस प्रकार नई पुल्टिश बनाकर बांधने से `बद´ की वेदना भी शांत होती है एवं गिल्टी जल्दी पक जाती है। 
दमा :: दमा जिसमें कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है। इससे कफ बाहर आ जाता है तथा रोगी को शीघ्र ही आराम भी मिलता है। 
प्रतिदिन थोड़े-थोड़े अंजीर खाने से पुरानी कब्जियत में मल साफ और नियमित आता है। 2 से 4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में गर्म करके खाने से कफ की मात्रा घटती है, शरीर में नई शक्ति आती है और दमा (अस्थमा) रोग मिटता है।" 
क्षय (टी.बी.) :: इस रोग में अंजीर खाना चाहिए। अंजीर से शरीर में खून बढ़ता है। अंजीर की जड़ और डालियों की छाल का उपयोग औषधि के रूप में होता है। खाने के लिए 2 से 4 अंजीर का प्रयोग कर सकते हैं।
जुकाम :: पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से जुकाम में लाभ होता है।
श्वासरोग :: अंजीर और गोरख इमली (जंगल जलेबी) 5-5 ग्राम एकत्रकर प्रतिदिन सुबह को सेवन करने से हृदयावरोध (दिल की धड़कन का अवरोध) तथा श्वासरोग का कष्ट दूर होता है।
फेफड़ों के रोग :: फेफड़ों के रोगों में पांच अंजीर एक गिलास पानी में उबालकर छानकर सुबह-शाम पीना चाहिए।
खाँसी :: अंजीर का सेवन करने से सूखी खांसी दूर हो जाती है। अंजीर पुरानी खांसी वाले रोगी को लाभ पहुंचाता है क्योंकि यह बलगम को पतला करके बाहर निकालता रहता है। 2 अंजीर के फलों को पुदीने के साथ खाने से सीने पर जमा हुआ कफ धीरे-धीरे निकल जाएगा। पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर हो जाती है। 
सफेद कुष्ठ (सफेद दाग) :: अंजीर के पेड़ की छाल को पानी के साथ पीस लें, फिर उसमें 4 गुना घी डालकर गर्म करें। इसे हरताल की भस्म के साथ सेवन करने से श्वेत कुष्ठ मिटता है। 
अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लगाने से यह दाग मिट जाते हैं। 
अंजीर के पत्तों का रस श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) पर सुबह और शाम को लगाने से लाभ होता है। 
अंजीर को घिसकर नींबू के रस में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।
गले के भीतर की सूजन :: सूखे अंजीर को पानी में उबालकर लेप करने से गले के भीतर की सूजन मिटती है। 
शरीर की गर्मी :: पका हुआ अंजीर लेकर, छीलकर उसके आमने-सामने दो चीरे लगाएं। इन चीरों में शक्कर भरकर रात को ओस में रख दें। इस प्रकार के अंजीर को 15 दिनों तक रोज सुबह खाने से शरीर की गर्मी निकल जाती है और रक्तवृद्धि होती है। 
मसूढ़ों से खून का आना :: अंजीर को पानी में उबालकर इस पानी से रोजाना दो बार कुल्ला करें। इससे मसूढ़ों से आने वाला खून बंद हो जाता है तथा मुँह से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है। 
तिल्ली (प्लीहा) के रोग में :: अंजीर 20 ग्राम को सिरके में डुबोकर सुबह और शाम रोजाना खाने से तिल्ली ठीक हो जाती है। 
कमर दर्द :: अंजीर की छाल, सोंठ, धनियां सब बराबर लें और कूटकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसके बचे रस को छानकर पिला दें। इससे कमर दर्द में लाभ होता है। 
आंवयुक्त पेचिश :: पेचिश तथा आँवयुक्त दस्तों में अंजीर का काढ़ा बनाकर पीने से रोगी को लाभ होता है। 
अग्निमान्द्य (अपच) होने पर :: अंजीर को सिरके में भिगोकर खाने से भूख न लगना और अफारा दूर हो जाता है। 
बच्चों का यकृत (जिगर) बढ़ना :: 4-5 अंजीर, गन्ने के रस के सिरके में गलने के लिए डाल दें। 4-5 दिन बाद उनको निकालकर 1 अंजीर सुबह-शाम बच्चे को देने से यकृत रोग की बीमारी से आराम मिलता है। 
सिर का फोड़ा :: फोड़ों और उसकी गाँठों पर सूखे अंजीर या हरे अंजीर को पीसकर पानी में औटाकर गुनगुना करके लगाने से फोड़ों की सूजन और फोड़े ठीक हो जाते हैं। 
दाद :: अंजीर का दूध लगाने से दाद ठीक हो जाता है। 
सिर का दर्द :: सिरके या पानी में अंजीर के पेड़ की छाल की भस्म मिलाकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है। 
सर्दी (जाड़ा) अधिक लगना :: लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में अंजीर को खिलाने से सर्दी या शीत के कारण होने वाले हृदय और दिमाग के रोगों में बहुत ज्यादा फायदा मिलता है।
ALMONDS बादाम ::
Botanically, almonds (Prunus dulcis) are very small stone fruits in the Amygdalus family and related to other fruits that contain hard pits, including cherries, plums and peaches. Almonds are a type of drupe nut, which means along with other nuts like macadamias, pecans and walnuts, they have multiple layers that enclose a single, hard seed in the center.
The almond is a very popular tree nut which is the most loved dry fruit in India. Its eaten for increasing brain power, physical strength and improving eye sight. Its a popular aphrodisiac as well. For aphrodisiac purpose almond powder is fried in pure Deshi Ghee-butter oil and then added into milk to drink before sleeping. One should avoid chewing dry almonds in large numbers, since it may ooze blood from the nose. They may be soaked in water over night before consumption. They may boiled in milk, rice pudding, course wheat cooked in milk. However it can be fried or roasted with salt to give it better taste. Most of the sweets are lased-stuffed with almond powder or the complete almond. It contains high quantity of fat which extremely good for the human body.
Babies are given almonds rubbed into paste, after soaking over night. 
NUTRIENTS :: Protein, fibre, carbohydrates, sugar, vitamin E, manganese, magnesium, phosphorus, calcium, iron, copper, vitamin B 2 (riboflavin) and phosphorus. 
Almonds are also high in phytic acid, a substance that binds certain minerals and prevents them from being absorbed. This means that the amount of iron, zinc and calcium you get from the almonds will be reduced somewhat.
(1). PREVENTS HEART DISEASES & HEART ATTACK :: Monounsaturated fatty acids and antioxidants that support heart health and prevent factors of cardiovascular disease are present in it. It specifically supply antioxidant flavonoids, plant-based compounds present in the skin of almonds that work with vitamin E to improve artery health and reduce inflammation. Arginine, magnesium, copper, manganese, calcium and potassium present in it reduce bad LDL cholesterol, especially in individuals with high cholesterol and diabetes. 
It prevent damage from forming within artery walls and protect against dangerous plaque buildup. Almonds nutrition benefits also make them a great food to support healthy cholesterol and blood pressure levels, in addition to fighting weight gain and obesity.
Almonds’ healthy fats have the ability to improve blood circulation, to keep skin hydrated and helps in quicker healing of wounds. 
(2). DENTAL CARE & BONE DENSITY :: Almonds are a good source of trace minerals, including magnesium and phosphorus, which is a crucial nutrient for building and maintaining strong teeth and bones. Almonds nutrition benefits include the ability to help prevent tooth decay, fight cavities, lower the risk for bone fractures and fight osteoporosis.
(3). ACTIVATION OF BRAIN & INCREASE OF MEMORY :: Almonds are considered one of the best brain foods. Riboflavin and L-carnitine, present in it are capable of positively affecting neurological activity and preventing cognitive decline. This is one reason why adults, especially the elderly, are encouraged to eat nuts every day, since they are associated with a reduction in the risk for inflammation that can cause brain disorders including dementia and Alzheimer’s disease. 
(4). GLOWING SKIN :: Almonds are a great source of vitamin E and other antioxidants that nourish the skin and reduce signs of ageing. Almonds contains high concentrations of catechin, epicatechin and flavonol antioxidants, including quercetin, kaempferol and isorhamnetin; the compounds that fight skin cancer and damage by reversing oxidative stress from a poor diet, pollution and UV light exposure. They reduce wrinkles. 
(5). DIABETES :: Rich supply of MUFAs in almonds helps slowdown the rate at which glucose (sugar) is released into the bloodstream. In addition to managing blood sugar and preventing insulin-sugar controlling hormone resistance; almonds nutrition benefits include the ability to lower other common diabetes risks: unhealthy body weight, inflammation and high levels of oxidative stress. 
(6). WEIGHT LOSS :: Healthy fats and dietary fibre aid in weight loss because they help one feel full, which curbs overeating and unhealthy snacking. Although nuts are high in fat and calories, they prolong the feeling of satisfaction after one eat and keep the blood sugar more stable than low-fat meals do. 
(7). INCREASE NUTRITIONAL ABSORPTION :: The body needs adequate amounts of fat in the diet in order to properly absorb fat-soluble nutrients, like vitamins A and D. Almonds are also considered one of the only nuts that help alkalise the digestive tract, reducing acid build up and balancing the body’s ph. A healthy pH level is crucial for proper digestion, immunity and disease prevention. Additionally, the nutrients present in almonds may help regulate digestive enzymes that are involved in nutrient extraction, cholesterol synthesis and bile acid production. 
(8). INCREASE DIGESTIVE HEALTH :: Skinned almonds contain probiotic components that help in digestion, detoxification and healthy bacterial growth within the gut flora, a key to actually utilising nutrients from food and preventing nutrient deficiencies. 
Almond skins may lead to an improvement in the intestinal microbial profile, meaning the intestine’s bacterial activities improve and promote numerous health benefits due to the presence of prebiotic properties, the precursors for probiotics. 
When women ate a daily dose of 56 grams of almonds over an eight-week period, significant increases in the populations of healthy bacteria called Bifidobacterium and Lactobacillus were observed. 
(9). FIGHT CANCER & INFLAMMATION :: Almonds contain gamma-tocopherol, a type of vitamin E that acts as a powerful antioxidant, fighting free radical damage and oxidative stress that are linked to cancer. Many studies find a link between nut consumption and cancer prevention, including a reduced risk for colon, prostate and breast cancers. A mix-concoction of almonds, turmeric, marijuana in Cow's urine is capable of curing cancerous cells-tissue. 
KHEER खीर :: it is a rice pudding from the cuisine of the Indian Subcontinent, made by boiling rice, tapioca or vermicelli with milk and sugar; it is flavoured with cardamom, raisins, saffron, cashews, pistachios or almonds. It is typically served during a meal or as a dessert. 
PORRIDGE दलिया :: Coarsely ground wheat grains are cooked in milk with sugar having almonds in it. Its really very very tasty. The wheat pieces are roasted in pure Deshi Ghee before hand, before cooking in milk.
खजूर ::
यह शरीर की सप्त धातुओं की पुष्टि करने में सक्षम होता है। अरब देशों में पाया जाता है। खजूर को ही सुखाकर छुहारा बनाया जाता है। 
खजूर में फाईबर, विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन के, ऑयरन, कॉपर, मैगनीशियम, मैगनीज़ आदि पाये जाते हैं। 
(1). कब्ज़ :: कब्ज़ का मुख्य कारण होता है, आँतों में खुश्की का होना और खजूर आँतों की खुश्की को पूरी तरह से खत्म करता है। खजूर के द्वारा कब्ज़ को पूरी तरह खत्म करने के लिये रोज सुबह दो-तीन खजूर को एक कटोरी ताजे पानी में डुबोकर रख दीजिये और रात होने तक रखा रहने दीजिये। रात को सोते समय इन खजूरों को खूब चबा चबा कर खा लीजिये। यह प्रयोग 7-15 दिनों तक लगातार कीजिये। 
(2). वजन :: खजूर में सभी पोषक तत्व तो पाये ही जाते हैं इसके अतिरिक्त यह ऊर्जा का भी बहुत अच्छा स्रोत है। वजन बढ़ाने का लाभ उठाने के लिये 14 साल से अधिक उम्र के लोग रोज पूरे दिन में 10-12 खजूर खूब चबा चबा कर खायें। खजूर में शरीर को तुरंत ऊर्जा देने की प्राकृतिक शक्ति होती है, क्योंकि इसमें शर्करा अधिक मात्रा में पायी जाती है। 
(3). नाड़ी तंत्र :: सम्पूर्ण कर्मेन्द्रियों का मस्तिष्क के साथ सम्पर्क मुख्यतः नाड़ी तंत्र के द्वारा ही सम्भव हो पाता हैजिसे खज़ूर दुरुस्त रखता है। खजूर में उपलब्ध पोटाशियम नाड़ी तंत्र के लिये बहुत जरूरी है। यह रक्त्चाप को नियमित रखता है और हृदय को भी मजबूत करता है । 
(4). खून :: खजूर में शरीर के लिये लाभकारी और शरीर द्वारा आसानी से स्वीकार किया जाने वाला लोहा पाया जाता है। 
(5). शारीरिक ताकत-पौरुष :: प्रतिदिन खजूर के साथ दूध पीने से शरीर को भरपूर शक्ति मिलती है और वीर्य की वृद्धि होती है । 
(6). हृदय रोग :: हृदय रोगी की रक्त वाहीनियों में रक्त का संचार सरल होता है, जिससे रक्त संचार के अवरोध होने से हृदय रोग की भावना नष्ट होती है। 
(7). महिलाओं का कमर का दर्द :: 2 खजूर को जल में उबाल कर, उसमें 2-3 ग्राम मेथी दाना का चूर्ण मिलाकर रोज खाने से महिलाओं का कमर का दर्द जल्दी ही ठीक हो जाता है । 
(8). नजला-जुक़ाम :: खजूर को काली मिर्च के चूर्ण के साथ दूध में उबाल कर पीने से पुराना सूखा नजला ठीक होता है। 
(9). खाँसी :: खजूर, मिश्री, मक्खन मिलाकर गरम दूध के साथ खाने से सूखी खाँसी ठीक होती है । 
(10). लीवर और तिल्ली :: पाँच-सात खजूर रात भर पानी में भिगोकर सुबह उनकी गुठली निकालकर, गूदे को शहद के साथ खाने से लीवर और तिल्ली बढ़ने के रोग खत्म होते हैं। 
सावधानी :: खजूर बहुत ही मीठा होता है, जिस कारण से यह शरीर में खून की शुगर के स्तर को एक दम से बढ़ाता है। अतः मधुमेह के रोगियों को खजूर का सेवन नही करना चाहिये। 
काजू ::
(1). काजू पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत हैं और स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसमें आयरन, फास्फोरस, सेलेनियम, मैग्नीशियम और जिंक पाया जाता हैं। काजू फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सिडेंट और प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत हैं। 
(2). इनमें मैग्नीशियम पाया जाता हैं, जो रक्तचाप कम करने और दिल के दौरे को रोकने में मदद करता है।ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखता हैं। 
(3). यह एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत हैं, जो कि हृदय रोग और कैंसर से बचाता हैं। 
(4). इसको खाने से शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। 
(5). इसमें कॉपर-ताँबा पाया जाता हैं जो कि शरीर के हड्डियों और जोड़ो को लचीला बनाने में मदद करता हैं और त्वचा और बालों को रंग प्रदान करता हैं। 
(6). इसमें वसा अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं। जिसके बाबजूद ये वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। 
(7). काजू फाइबर का अच्छा स्रोत हैं। 
(8). इनमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जिस वजह से त्वचा सुंदर और चमकदार हो जाती हैं। 
(9). ये मसूड़ों और दाँतों को स्वस्थ बनाए रखता हैं।
मखाना FOX NUT ::
यह दिल की बीमारियों को दूर रखता है, मधुमेह से बचता है, पाचन क्रिया दुरुस्त रखता है। मानसिक तनाव कम करता है। शरीर को परजीवी और जीवाणुओं से सुरक्षित करता है। इसके इस्तेमाल से गुर्दे सही कार्य करते रहते हैं।

Brahmi-Brain,
Arjun-Heart,
Ashwagandha-Masculin Strength,
Shatavari-Stamina,
Guduchi (गिलोय)-Immunity,
Mulethi-Throat, 
Ginger-Digestion,
Coconut oil-Metabolism,
Sweet Potatoes-Pancreas,
Pumpkin-Gut, Prostrate,
Carrots-Retina, reduces sexuality,
Tulsi-Immnunity, Oxygen,
Tomatoes-Prostate,
Pomegranate-Red blood cells, Immunity,
Water-Blood, 
Grapes-Lungs, 
Papaya-Liver, 
Apples-Breathing, Respiration,
Moringa-Muscles & Joints. 
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