LINE OF HEAD CLOSE TO LINE OF HEART मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास :: A TREATISE ON PALMISTRY (6.1) हस्तरेखा शास्त्र
A TREATISE ON PALMISTRY (6.1) हस्तरेखा शास्त्र
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]
जिस जातक के हाथ में यह लक्षण होता है, वह बहुत ही सतर्क, अत्यधिक क्रियाशील एवं उन्नति करने वाला होता है। वह पहले अपनी तरक्की करने के बाद ही नाते-रिश्तेदारों या समाज-देश के बारे में विचार करेगा। प्रतिकूल विचार और परिस्थिति, उसे बहुत महसूस होगी। वह शीघ्र उन्नति करने वाला और उत्तरदायी व्यक्ति होगा।उसके पूरे परिवार में यह आदत होगी और सभी सदस्य अपनी-अपनी व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान देंगे, चालाक होंगे, अपने ही कार्य में संलग्न होंगे मगर कुटुम्ब को आगे बढ़ायेंगे।
एक ही हाथ में यह लक्षण होने पर परिवार के कुछ सदस्य चालाक और कुछ उदार होंगे। उनकी स्त्रियाँ धन की बचत करने वाली, मोटी, कंजूस प्रकृति की और बोलने में तेज होंगी। उनका विश्वास आभूषण और सम्पत्ति पर अधिक होगा।
एक ही हाथ में यह लक्षण होने पर परिवार के कुछ सदस्य चालाक और कुछ उदार होंगे। उनकी स्त्रियाँ धन की बचत करने वाली, मोटी, कंजूस प्रकृति की और बोलने में तेज होंगी। उनका विश्वास आभूषण और सम्पत्ति पर अधिक होगा।
जातक जिस क्षेत्र में भी कदम रखेगा, उसमे दक्षता-कौशल हासिल करेगा और अधिक से अधिक लाभ-अर्जित करने का प्रयास करेगा। वैसे उसका काम करने का अपना ही ढंग और कार्य प्रणाली होगी। वह अपने कार्य और कार्य प्रणाली में किसी का दखल पसन्द नहीं करेगा। वह जिस कार्य में लगेगा, उसे पूरी लग्न के साथ, दिल लगाकर करेगा। कठिनाइयों के बावजूद वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा।
जातक को गले, नाक और फेफड़ों बीमारियाँ अधिक होती हैं। ध्यान न देने पर दमा भी हो सकता है। उसके पिता को या वंश में और लोगों को भी यह शिकायत रहती है। गठिया, घुटने का दर्द आदि भी हो सकते हैं।ऐसे व्यक्ति में भावुकता के लक्षण हों तो वे असफल होने पर बहुत ज्यादा महसूस करते हैं। उसे क्रोध अधिक आयेगा, मगर मस्तिष्क रेखा लम्बी न होने पर उसे प्रकट नहीं होने देगा। अन्य लक्षण खराब होने पर ये आत्महत्या या जहर खाने जैसी हरकतें भी कर लेते हैं।
जिस व्यक्ति से वह सम्बन्ध बनायेगा उसे वह तोड़ना पसन्द नहीं करेगा। यदि कोई चुभने वाली बात होगी तो वह उदासीन हो जायेगा और प्रकट रूप से सम्बन्ध न बिगाड़ते हुए, मन से सम्बन्ध खत्म कर देगा। उसे अधिक मित्र बनाना या अधिक लोगों से मिलना-जुलना पसन्द नहीं होगा। उसके मित्र या सम्बन्धी भी अधिक नहीं होंगे। वह उनसे पारिवारिक और आर्थिक व्यवहार में बहुत सतर्क रहेगा। अपने से छोटे सदस्यों पर नियंत्रण रखेगा। बहन को घर से नहीं निकलने देगा और अनुशासन में रखेगा। उसे वह समाज के बारे में चेतावनी देता रहेगा और स्वयं भी सावधान रहेगा। वह आगे भी निगाह बनाकर रखेगा।
ऐसे व्यक्ति का निश्चय नहीं बदला जा सकता भले ही वह पढ़ाई-लिखाई हो या प्रेम विवाह। आर्थिक स्थिति के ठीक होने से पहले वह विवाह नहीं करेगा। ऐसे व्यक्ति धन संचय में यकीन करते हैं। भाग्य रेखा जिस आयु में पतली होना शुरू करेगी, ये उसी आयु से धन इकट्ठा करना शुरू करेंगे। भाग्य रेखाएँ अधिक होने पर खर्च भी अधिक होगा। वह बहुत विचार करने के बाद ही व्यय करेगा। घर का खर्च ज्यादा होने पर वह व्यक्तिगत खर्च कम करेगा।
जातक पारिवारिक जिम्मेवारियों से घबराते हैं; अतः इनका परिवार छोटा ही रहता है। गर्भ निरोधक प्रयोग करते हैं, गर्भपात और नसबन्दी भी करा लेते हैं। इनकी पत्नियों को गर्भाशय के रोग हो जाते हैं, जिससे उनका वज़न बढ़ जाता है।
मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा का जोड़ लम्बा :: जातक की पत्नी को गर्भाशय की बीमारियों के कारण बेहोशी, अति रक्तस्त्राव भी एक या दो बार हो सकता है।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास :: उसको घबराहट कुछ ज्यादा ही होती है। उन्हें शान्ति कुछ कम ही मिलती है। पति और पीहर दोनों ही परिवारों की चिन्ता लगी रहती है। वह गृहकार्य दक्ष, समझदार, घर चलाने वाली, पैसे का सदुपयोग और बचत करने वाली गृह लक्ष्मी होगी।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, केवल बायें हाथ में यह लक्षण :: जातक के परिवार में कुछ सदस्य चालाक और कुछ उदार होंगे।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, भाग्य रेखा मोटी :: ससुराल की अपेक्षा माँ-बाप को ज्यादा महत्व देगी, परन्तु ससुराल के प्रति विश्वास पात्र और उत्तरदायी होगी। छोटी छोटी बात पर रोना उसकी आदत में शुमार होगा।
मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा का जोड़ लम्बा :: जातक की पत्नी को गर्भाशय की बीमारियों के कारण बेहोशी, अति रक्तस्त्राव भी एक या दो बार हो सकता है।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास :: उसको घबराहट कुछ ज्यादा ही होती है। उन्हें शान्ति कुछ कम ही मिलती है। पति और पीहर दोनों ही परिवारों की चिन्ता लगी रहती है। वह गृहकार्य दक्ष, समझदार, घर चलाने वाली, पैसे का सदुपयोग और बचत करने वाली गृह लक्ष्मी होगी।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, केवल बायें हाथ में यह लक्षण :: जातक के परिवार में कुछ सदस्य चालाक और कुछ उदार होंगे।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, भाग्य रेखा मोटी :: ससुराल की अपेक्षा माँ-बाप को ज्यादा महत्व देगी, परन्तु ससुराल के प्रति विश्वास पात्र और उत्तरदायी होगी। छोटी छोटी बात पर रोना उसकी आदत में शुमार होगा।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, भाग्य रेखा मोटी, बुध की अँगुली तिरछी :: वह हंसमुख होगी।
स्त्री जातक-मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, मस्तिष्क या ह्रदय रेखा दोषपूर्ण :: खुद मजाक करेगी मगर दूसरों के मजाक को बर्दाश्त नहीं करेगी।
मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, भाग्य रेखा मोटी :: जातक परिवार के प्रति असंतोष बना रहेगा। उसके कारण ही परिवार की उन्नति होगी। उदार होने स्वभाव के कारण, वह परिवार की गलत बातें भी बर्दाश्त कर लेगा।
मस्तिष्क और हृदय रेखा पास-पास, मस्तिष्क रेखा सूर्य की अंगुली तक, शुक्र कम उन्नत, अनेक भाग्य रेखाएँ, अँगुलियाँ सीधी और सामान्य लम्बाई लिये हुए :: जातक गणमान्य, प्रभावशाली और महत्वपूर्ण व्यक्ति होगा। राजनीति में होने पर अपने किसी खास गुण के कारण ख्याति पायेगा।
मस्तिष्क और हृदय रेखा बहुत पास :: जातक की सन्तान जल्दबाज, लगनशील, प्रखर बुद्धि, स्मृति उत्तम वाले, विज्ञान या इंजीनियरिंग का अध्ययन करनेवाली, लोभी और जिन्दगी में तरक्की करने वाली होगी।उनको बचपन में ही अपने पराये का आभास हो जाता है, जिससे आपसी झगड़े हो सकते हैं। किसी सोचे हुए काम को न कर पाने पर बेचैनी महसूस करते हैं और उसके पूरा न होने तक, माँ-बाप के लिये सरदर्द बनते हैं। उन्हें बचपन में गला, पेट या फेंफड़ों की बीमारियाँ होती हैं।
ऐसे जातक वंश, घर-परिवार, समाज-देश के लिये वरदान सिद्ध होते हैं।
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