शाखान्वित रेखाएँ FORKED LINES (A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र)

शाखान्वित रेखाएँ 
FORKED LINES
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
(A TREATISE ON PALMISTRY संतोष हस्त रेखा शास्त्र)
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ॐ गं गणपतये नम:।
अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि
[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]
(1). जीवन रेखा के अंत में शाखा जातक तो जीवन के आखिरी वक्त में पैसे की तंगी से परेशान कर सकती है।
(1.1). जातक विदेश या फिर कोई लम्बी यात्रा कर सकता है। यात्रा का मकसद अपने बच्चों से मिलना हो सकता है।
(1.2). यह रेखा शरीर को कमजोर बनाती है।
ALBERT EINSTEIN (14 March, 1,879-18 April 1,955, German-born) :: The two hands show remarkable similarity, proving that the son inherited his physique and mentality-intelligence, from his father. Shape of the two hands is same, rounded at the base.
LINE OF HEAD is separate-detached from the Life Line which shows independence from the early child hood. After the age of 45 years, the Line of Head moves down wards, making the person more thoughtful and imaginative. There are two forks  there after, blessing him with scientific aptitude, especially the branch which forms a rectangle-quadrangle at the mental mount of Mars, with the help of another prong. Square-quadrangle is a sure sign of preservation and protection.
ALBERT EINSTEIN
(2.1). सूर्य और बुध की सन्धि के नीचे पाई जाने वाली यह रेखा जातक को सतर्क और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। ऐसी रेखा अलबर्ट आइंस्टाइन के हाथ में थी। यह जातक को जातक को बुद्धिमान और विलक्षण बनाती है। 
(2.2). जातक विज्ञान या तकनीकि क्षेत्र में विशेष योग्यता प्राप्त करेगा। 
(2.3). जातक धन, मान सम्मान प्राप्त करेगा। 
(2.4). जातक अपनी बुद्धि से कामयाबी हाँसिल करेगा। जातक को जमीन की खरीद फरोख्त से लाभ प्राप्त होगा।  
(2.5). जातक बुद्धि बल से उच्च पद की प्राप्ति कर सकता है।
(3). यह द्विशाखित रेखा व्यक्ति को दो विभिन्न क्षेत्रों में लगाती है जिससे उसका ध्यान दो भागों में बँट जाता है और सफलता की मात्रा कम हो सकती है। 
(4). जातक को दो विभिन्न क्षेत्रों में मान-सम्मान प्राप्त होगा, मगर यदि वह एक ही क्षेत्र में काम करता तो सफलता-प्रसिद्धि ज्यादा प्राप्त होती। 
(5). विवाह रेखा की दो शाखाएँ होने पर पति-पत्नी परस्पर एक राय नहीं रखते, मगर जीवन की गाड़ी सुचारु रूप से चलती है। बहुत बड़ा खुला पन होना कष्ट कारक हो सकता है।
(6.1). हृदय रेखा की शाखा शनि और बृहस्पति की संधि की ओर जाती है जिससे जातक अन्य लोगों से अच्छे सम्बन्ध बना सकता है। दूसरी शाखा बृहस्पति पर जाती है जो उसे आदर्श व्यक्ति बनाती है।
(6.2). जातक को सफलता में मित्र, सम्बन्धी, पत्नी का सहयोग मिलता है। 
(6.3). जातक को विपरीत लिंगी से सम्बन्ध भारी पड़ सकते हैं। अगर यह रेखा मस्तिष्क रेखा को काट कर राहु क्षेत्र में प्रवेश करती है तो तलाक के साथ-साथ अन्य परेशानियाँ-मुसीबत भी आयेगी। 

 

दोहरी मस्तिष्क रेखा :: गाँधी और कीरो के हाथ में यह रेखा पाई गई। दोनों ने दोहरे चरित्र का प्रदर्शन किया। दोनों ही जेल गये। दोनों ही विश्वविख्यात व्यक्ति बने। गाँधी की हृदय रेखा पर बना त्रिशूल उनकी लोकप्रियता को प्रकट करता है। 



FORKED LINE OF HEAD

द्विजिव्हित मस्तिष्क रेखा FORKED LINE OF HEAD :: यह लक्षण जातक की मस्तिष्क शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है। इसकी शाखा जिस पर्वत पर पहुँचती उसके गुणों का समावेश इसमें हो जाता है। अगर पर्वत हल्का से उभरा हुआ तो सोने में सुहागा।
(1). यह रेखा विभाजन सूर्य और बुध की अँगुली के  ठीक नीचे है। इससे रेखा में सूर्य, बुध, धर्म, उच्च मङ्गल और चन्द्र के गुणों का समावेश हो जाता है जिससे जातक उच्च कोटि का चिन्तक, वैज्ञानिक हो सकता है। आइन्स्टाइन के हाथ में लक्षण था, जिसने उन्हें उत्कृष्ट प्रतिभा का धनी बनाया। यह लक्षण चमत्कारी है। मैंने इसे जिस किसी के हाथ में पाया उसे ऊँचाइयों को छूते-चूमते पाया। 
(2). बुध पर्वत पर शाखा का पहुँचना जातक को उच्च कोटि का प्रभावशाली वैज्ञानिक, वकील, इंजीनयर-अभि

 

 यन्ता, डॉक्टर बना सकता है। ऐसे व्यक्ति अच्छे निवेश कर्त्ता बन सकते हैं।
(3). सूर्य पर्वत पर शाखा के पहुँचने का अर्थ है, जातक को नाम शोहरत, धन-दौलत की उपलब्धि।
(4). शनि पर जाने वाली शाखा जातक को धनी बनाती है।
(5). बृहस्पति पर जाने वाली शाखा जातक को कुशल प्रशासक, विवेकशील, बुद्धिमान, दार्शनिक बनायेगी। 
(6). बृहस्पति से अगर मस्तिष्क रेखा का उदय हो तो जातक उच्च पदाधिकार, सर्वसम्मनित व्यक्ति होगा। यहाँ अगर तारे का चिन्ह हो तो जातक सर्वप्रिय भी होगा।
ये रेखाएँ यदि पर्वत पर नहीं पहुँच रही हैं और हृदय रेखा तक ही सीमित हैं, छोटी हैं, परन्तु उनकी दिशा किसी पर्वत की ओर है तो जातक को वही फ़ल प्रदायक है।
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जीवन रेखा उच्चवर्ती शाखाएँ ASCENDING BRANCHES OF LIFE LINE :: जीवन रेखाकी उच्चवर्ती शाखाएँ जातक की तरक्की-उन्नति को प्रदर्शित करती हैं।
(1). जीवन रेखा की शाखा बृहस्पति पर्वत पर :- इसे आकाँक्षा रेखा, नेतृत्व रेखा भी कहा जा सकता है। जातक बचपन से ही होनहार, विवेकशील होगा। उसमें बचपन से नेतृत्व के गुण प्रकट होने लगेंगे। 
(2). ये शाखाएँ जिस स्थान से भी ऊपर जायेंगी, जातक उस उम्र में तरक्की अवश्य प्राप्त करेगा। यह रेखा आर्थिक उन्नती को भी दर्शाती है। यदि यह रेखा पति के हाथ में न होकर पत्नी के हाथ में है तो भी लाभ अवश्य होगा। 
(3). यह रेखा भाग्य रेखा का काम भी करती है। जातक में दूसरों के प्रति सेवा भावना कूट-कूटकर भरी होती है। वो हर किसी की मदद करता है। अन्य लोग भी उसकी मदद करने को तत्पर रहते हैं।
(4). यह रेखा सूर्य रेखा का काम भी करती है। जातक को दूसरों की मदद करने से नाम, इज्जत, शोहरत की प्राप्ति होगी। उसे अन्य लोगों से सहायता भी मिलेगी।
3 और 4 लक्षण वाले जातक उन्नति अवश्य करेंगे। 
(5). यह शाखा मस्तिष्क रेखा तक पहुँचती है। इसके प्रभाव से जातक को भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है। उसके पेट में गैस की शिकायत रहेगी। 
(6). यह रेखा हृदय रेखा पर पहुँचती है और जातक के शरीर में बीमारी को प्रदर्शित करती है। ऐसे लोगों को भी पूर्वाभास होता है।
(7). यह रेखा स्वास्थ्य रेखा है। इसका न होना ज्यादा शुभ होता है। कटी-फ़टी होने से यह जतका को नुकसान पहुँचाती है। ऐसा जातक व्यापार उद्योग धन्धों में सफलता अर्जित करते हैं, मगर स्वास्थ्य पर ध्यान ने देने से कुछ न कुछ बीमारी पाले रहता हैं।
यध्यपि 5, 6, 7 रेखाएँ स्वास्थ्य रेखाएँ हैं, तरक्की को भी प्रदर्शित करती हैं तथापि ये जातक के भाग्य को भी सँवारती हैं।

 

  










               
हृदय रेखा पर त्रिशूल :: अमरीका के राष्ट्रपति रुज्बैल्ट के हाथ में और स्वामी विवेकानंद के हाथ में यह चिन्ह था। ऐसा व्यक्ति लोगों के दिल में निवास करता है। उसे जीवन में अपार सफलता और प्रसिद्धि मिलती है। आजकल उस व्यक्ति को जनप्रिय माना जाता है जिन्हें YouTube, Facebook आदि पर ज्यादा follow करने वाले हों। मगर यह सफलता की निशानी नहीं है। यह graph घटता-बढ़ता रहता है और अक्सर शून्य भी हो जाता है। मगर जिस व्यक्ति के हाथ में हृदय रेखा पर यह त्रिशूल हो उसकी लोकप्रियता चिर स्थाई होती है।
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