RIGHT HAND-MIDDLE-SATURN FINGER सीधा हाथ बीच-शनि की अँगुली :: A TREATISE ON PALMISTRY (24) हस्तरेखा शास्त्र
RIGHT HAND MIDDLE-SATURN FINGER
सीधा हाथ बीच की अँगुली
(KARTIKEY SYSTEM कार्तिकेय पद्धति)
A TREATISE ON PALMISTRY (24) हस्तरेखा शास्त्र
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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A TREATISE ON PALMISTRY (24) हस्तरेखा शास्त्र
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By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
गुणातीतं नीराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
अधः स्थितामतिक्रम्य तिर्यक् विद्याप्रदा नृणाम्॥
जातिस्मृतिप्रदत्वाच्च नाम्ना स्मृतिरितीरिता।
बीच-शनि की ऊँगली के निम्न पर्व पर मौजूद यह रेखा संधि रेखा को काटकर शनि क्षेत्र में प्रवेश करती है। सीधी खड़ी यह रेखा, विद्युत के समान चमकदार होती है।
धारक-जातक को यह रेखा उत्तम-महान ज्ञान प्रदायक है। इसको स्मृति नाम जातक को पूर्वजन्म की स्मृति के कारण प्राप्त हुआ है।
Its found over the third phalange-base phalange of the middle finger, crossing the junction line and reaching the plain of Saturn. Its vertical bright and looks like lightening-flash. It grants great leaning to the bearer. The name comes from the memory of the previous life to the bearer.
ऊह्या स्मृतेरूर्ध्वभागे रसाभै: बिन्दुभि: चिता।
रेखा तिर्यक् तया युक्ता पदवाक्यप्रमाणवित्॥
ऊह्येत्युक्ता शस्त्रविद्भि: ऊह्य शक्ति प्रसूचनात्।
यह रेखा स्मृति के ऊपर पाई जाती है। सीधी खड़ी इस रेखा पर चमकदार चिन्ह नज़र आते हैं। इस रेखा का धारक जातक, वेदों का पारगामी विद्वान होगा। इस रेखा को ऊह्या नाम इसलिए मिला है, क्योंकि जातक को विलक्षण कल्पना और निष्कर्ष शक्ति की प्राप्त होती है।
Its found over Smrati. This vertical line is studded with bright spots. One with formation will become a great scholar of Veds. The line is called so, since it gives great power of imagination and inference to the owner.
केलिका मध्यमामध्यपर्वसंस्था स्फुटाकृतिः।
तिर्यक् जितेन्द्रिययत्वंच स्वातन्त्रयं चांपि तत्फलम्॥
केलिका लीलया सर्वप्रवत्तित्वप्रसूचनात्।
यह साफ और सीधी खड़ी रेखा मध्यमा ऊँगली के मध्य पर्व पर स्थित होती है। यह मनुष्य को अपनी इंद्रियों-अंगो पर और स्वयं पर काबू-आधिपत्य प्रदान करती है। व्यक्ति यह स्वयं अपनी इच्छा से करेगा।
This clear vertical line is present over the middle phalange of the middle finger. It grants conquest over senses and personal liberty. It suggests that the actions of one be there in sporting spirit.
वृत्ति स्यात् मध्यमामूर्ध्नि संयुक्ता रेखायाSन्यया।
तिर्यक् गता मकुटवत् रेखा सर्वसमृद्धिदा॥
वृत्तिः स्वजातिविहितवृत्तिसंसूचनादियम्।
अन्य रेखाओं से साथ उपस्थित मध्य ऊँगली के पहले पर्व पर यह रेखा मुकुटाकृत्ति लिये हुए होती है। इसकी उउपस्थिति के कारण जातक धारक को हर वस्तु प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है। इसको यह नाम इसलिये मिला है क्योंकि जातक धर्म के नियमों का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेगा।
Coupled with other lines, its found at the top phalange of the middle finger. Its present in the shape of a crown. It gives plentiful off all amenities to the possessor. The suggests that one would be scrupulous follower of the rules framed by the society.
मध्यमामध्यपर्वस्था स्थूला चाश्रयपावनी।
केलिकाध: स्वाश्रयस्य पावनत्वप्रदा सदा॥
शुद्धिदत्वात् स्वाश्रयाणां नाम्ना चाश्रयपावनी।
यह मोटी रेखा बीच की ऊँगली के मध्य पर्व पर मौजूद होती है। इसके प्रभाव से जातक अपने परिवार सहित पवित्र हो जाता है। यह केलिका के नीचे उपस्थित होती है।
Its present over the middle Parv-phalange of the middle finger. Its thick in formation. It sanctifies the possessors and their dependants. Its located below Kelika.
SANCTIFY :: पवित्रीकरण, पुण्य करने का कार्य, पापमोचन, शुद्धीकरण, धार्मिक बनाना; shrift, purification, turning towards religion.
राजी स्यात् मध्यमामध्यपर्वस्था श्रखलाकृतिः।
अंगुलीयनिभा रेखा लक्ष्मीसौभाग्यकीर्तिदा॥
सैषा राजीति संप्रोक्ता सुस्निग्धांगत्वसूचनात्।
राजी जञ्जीरनुमा अंगूठी के समान चमकदार रेखा है, जो मध्य ऊँगली के मध्य पर्व की सन्धि पर उपस्थित होती है। इसके प्रभाव से जातक को ढेर सारी धन-सम्पत्ति और खुशियों की प्राप्ति होती है। इसको राजी नाम ऊँगली को तैलीय रंग और अत्यधिक कोमलता प्रदान करने के कारण प्राप्त हुआ है।
This chain like possession is seen over the middle phalange of the middle finger, shinning like a ring. One get a lot of wealth and happiness as a result of this possession. The name comes from the property of giving oily colour to the skin, along with extreme softness.
नीडा तु मध्यमाग्रस्था पर्वण्यानखमिष्यते।
ऊर्ध्वोन्मुखी तत्फलं स्यात् आयुः लक्ष्मी च पुष्कला॥नीडेत्युक्ता वृद्धिदत्वात् बीजवापादिकर्मभिः।
पार्श्वोन्मुखाग्ररेखैषा विरुद्धफलदा ध्रुवम्॥
नीडा सीधी खड़ी हुई रेखा है, जो मध्य ऊँगली के सबसे ऊपरी पर्व पर पाई जाती है। इसके प्रभाव से जातक को लम्बी उम्र और धन-दौलत की प्राप्ति होती है। इसके प्रभाव से जातक को कृषि के माध्यम से बहुत ज्यादा आय की प्राप्ति होती है। परन्तु यदि यह रेखा टेढ़ी हो तो विपरीत प्रभाव दिखाती है।
Needa is found standing erect at the top phalange of the middle finger, moving towards the nail. It grants longevity and plenty of wealth to the bearer. It shows great prosperity for the owner through agriculture-farming. However, if it is inclined it shows adverse results.
जाला स्यात् मध्यमामूर्ध्नि रेखाभि: बहुभि: चिता। आवर्तसदृशी चैषा धनधान्यसमृद्धिदा।
जालेत्युक्ता जलोद्भूतरत्नादिप्राप्तिसूचनात्॥
जाला मध्य ऊँगली के सबसे ऊपरी पर्व पर, अन्य रेखाओं से घिरी हुई पाई जाती है। यह वक्रीय-मुड़ी हुई आकृति की होती है। इस रेखा के प्रभाव से जातक को बहुत सारी धन-सम्पत्ति और जरूरी चीजों की प्राप्ति होती है। जाल का प्रयोग जल जीव-जंतु पकड़ने के लिये किया जाता है। अतः धारक को गहरे पानी से बहुमूल्य रत्न-मोती इत्यादि की प्राप्ति होती है।
It may be found over the top phalange of the middle finger, surrounded by some other lines. Its curved and twisted in shape. One gets a plenty of wealth and essential commodities. Jal stands for net used for fishing, Thus it means that one will get a lot of valuables like pearls from deep waters.
(9). BENEFITS FROM MINING खदान से लाभ :: मध्यमा के तीनों पौरों-पर्वों पर यदि खड़ी हुई रेखाएँ हो तो जमीन-खदान से लाभ प्राप्त हो सकता अथवा गढ़ा हुआ धन प्राप्त हो सकता है। सूर्य रेखा की कोई शाखा शनि पर्वत पर जाये तो भी यही फल होगा।
(9). BENEFITS FROM MINING खदान से लाभ :: मध्यमा के तीनों पौरों-पर्वों पर यदि खड़ी हुई रेखाएँ हो तो जमीन-खदान से लाभ प्राप्त हो सकता अथवा गढ़ा हुआ धन प्राप्त हो सकता है। सूर्य रेखा की कोई शाखा शनि पर्वत पर जाये तो भी यही फल होगा।
If vertical lines are found over the three phalanges of the Saturn finger, either one may get profits from mining or he may acquire wealth hidden inside the earth.
Video link :: https://youtu.be/NfIE84XYWbU सीधा हाथ बीच-शनि की अँगुली संतोष हस्तरेखा शास्त्र धारक-जातक को यह रेखा उत्तम-महान ज्ञान प्रदायक है। इसको स्मृति नाम जातक को पूर्वजन्म की स्मृति के कारण प्राप्त हुआ है। |
Video link :: https://youtu.be/V5lOLeomMwY RIGHT HAND-MIDDLE-SATURN FINGER :: A TREATISE ON PALMISTRY (1). SMRATI :: Its found over the third phalange-base phalange of the middle finger, crossing the junction line and reaching the plain of Saturn. Its vertical bright and looks like lightening-flash. It grants great learning to the bearer. The name comes from the memory of the previous life to the bearer. |
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संतोष महादेव-धर्म विद्या सिद्ध व्यास पीठ (बी ब्लाक, सैक्टर 19, नौयडा)
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