PROFESSION आजीविका :: A TREATISE ON PALMISTRY (37) हस्तरेखा शास्त्र

PROFESSION आजीविका
A TREATISE ON PALMISTRY (37) हस्तरेखा शास्त्र
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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ॐ गं गणपतये नम:।
अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
गुणातीतं निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि
[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]

अध्यापक :: 
अँगूठे का दूसरा पर्व लम्बा हो। बुध उभरा हुआ हो। कनिष्ठा लम्बी और नुकीली हो। मस्तिष्क रेखा सीधी हो। शुक्र पर्वत पर त्रिभुज उपस्थित हो। हाथ में सूर्य रेखा के होने से जातक गणित का अच्छा, नामी अध्यापक होता है और धन के साथ यश भी कमाता है।
अभियन्ता-इंजीनियर :: हाथ की आकृति उद्यमी प्रकार की हो-चौकोर हाथ। बुध पर्वत उत्कृष्ट हो जिस पर 2-3 खड़ी रेखाएँ विज्ञान हों। मंगल पर्वत अच्छा हो। मस्तिष्क रेखा लम्बी हो। सूर्य पर्वत के नीचे सूर्य रेखा के निकट ध्वज-पताका चिन्ह हो। 
ENGINEER :: Spatulate hands-square shaped palm. Excellent Mercury. Mercury has 2-3 vertical lines. Favourable Mars. The Sun has a flag-flag mast close to Sun Line. 
Defects free Line of Head with three or more vertical lines on the Mount of Mercury, accompanied by an even and straight Line of Fate :- Studies Engineering-Technology.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, बुध पर तीन या चार खड़ी रेखायें, सीधी समान आकार की भाग्य रेखा :- जातक प्राद्यौगिकी-इंजीनयरिंग का अध्ययन करेगा।
Defects free Line of Head with three or more vertical lines on the Mount of Mercury :- Studies Science.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, बुध पर तीन या चार खड़ी रेखायें :- जातक विज्ञान की पढ़ाई करेगा।
आलोचक :: बुध पर्वत उठा हुआ हो, नाख़ून छोटे हों, मंगल मैदान में गुणक चिन्ह की उपस्थिति, अँगुलियों का दूसरा पर्व सामान्य से अधिक लम्बा हो, अँगुलियाँ गठान लिये हों
आलोचनात्मक बुद्धि :: अँगूठा मजबूत, लम्बा और गठान लिये हुए हो, हाथ बड़ा हो, अँगुलियाँ गठान लिये हों, अँगुलियों का दूसरा पर्व सामान्य से अधिक लम्बा हो। 
आविष्कारक :: लम्बी गठान युक्त अँगुलियाँ, अँगुलियों का दूसरा पर्व सामान्य से अधिक लम्बा हो, हाथ बड़ा और उसमें शनि पर्वत उभरा हुआ हो, अँगुलियों के पौरुए शिल्पी किस्म के हों, हाथ में बुध के नीचे रोग विशेष चिन्ह हो।
इत्र-फुलेल का व्यापार :: कोई दो पर्वत एक दूसरे के बहुत करीब हों।
SCENTS DEALER :: Any of the two mounts are adjoined-too close.
उच्च पद :: भाग्य रेखा से कोई रेखा निकलकर अनामिका अँगुली के ऊपर सूर्य पर्वत तक जाये तो व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ उच्च पद प्राप्त करता है।
Defect free Line of Head with dominant Jupiter :- Self-Children highly placed officials in forces-if physical Mars too is dominant.
Defect free Line of Head with dominant Jupiter, physical Mars too is dominant :- Highly placed officials in forces-police.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, बृहस्पति प्रमुखता लिये हुए :- जातक स्वयं और उसके बच्चे अधिकारी वर्ग में होंगे।
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, बृहस्पति प्रमुखता लिये हुए, निम्न मङ्गल भी उभरा हुआ हो :- जातक सेना-पुलिस में उच्चाधिकारी होगा।
Defect free Line of Head with dominant Sun :- IAS, PCS, Manager in PSU-MNC or top businessman.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, सूर्य प्रमुखता लिये हुए :- जातक IAS, PCS, PSU-MNC में उच्चाधिकारी अथवा उच्च कोटि का व्यवसाई होगा।
Defect free Line of Head originates from Jupiter :- Self-Children serious, intelligent and progressive.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, मस्तिष्क रेखा का उदय बृहस्पति से :- जातक और उसके बच्चे गंभीर स्वबाह्व के, बुद्धिमान और तरक्की करने वाले होंगे।
उच्चाभिलाषा :: (1). शुक्र या मंगल पर्वत से कोई रेखा निकलकर गुरु पर्वत तक जाये जहाँ नक्षत्र मौजूद हो। (2). जीवन रेखा में से कोई उर्ध्व रेखा गुरु पर्वत की ओर जाये। (3). गुरु पर्वत उच्च हो। (4). मस्तिष्क रेखा गुरु पर्वत से प्रारम्भ होकरजीवन रेखा को थोड़ा सा छू कर आगे बढ़े। (5). मस्तिष्क रेखा बारीक और लम्बी हो। ऊपरी मंगल से एक रेखा सूर्य पर्वत की ओर जाये।
Defect free Line of Head with long Saturn finger :- Interest in Agriculture-Gardening-Animal Husbandry, children may be obstinate, stub-born, persistent, with the ability to qualify competitive examinations.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, लम्बी शनि की अँगुली :- कृषि, पशु-पालन, जिद्दी बालक। जातक प्रतियोगी परीक्षा में सफ़लता प्राप्त करेगा।
उत्तराधिकार :: मणिबन्ध रेखाओं पर त्रिभुज आकृत्ति हो तो व्यक्ति को विरासत में धन-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है। मणिबन्ध से निकलकर कोई रेखा शुक्र पर्वत पर पहुँचे तो जातक को सन्तति और सम्पत्ति का सुख मिलता है। दोहरी मस्तिष्क रेखा हो, बड़े त्रिभुज में गुणक चिन्ह हो, पहले मणिबन्ध पर नक्षत्र-तारे का चिन्ह हो अथवा पहले मणिबन्ध पर कोई  तिरछी रेखा या त्रिभुज-चिमटे की आकृत्ति हो तो जातक का दादा धनी होता है।
उद्यमी :: हाथ मोटा और कठोर हो, अँगुलियों और अँगूठे के तीसरे पर्व के पीछे हाथ पर बाल हों, नाख़ून छोटे हों, मंगल और वृहस्पति पर्वत उभरे हुए हों, मस्तिष्क रेखा अनामिका के आगे तक जाये, मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के बीच कुछ दूरी हो। 
उन्नति-अपने परिश्रम से :: हृदय रेखा पर कोई त्रिभुज हो, मस्तिष्क रेखा से सूर्य रेखा निकलकर सूर्य पर्वत पर जाये। शुरू में भाग्य रेखा न हो और बाद में भाग्य रेखा मध्य चंद्र पर्वत से प्रारम्भ हो रही हो।
उन्नति कारक रेखाएँ :: जीवन रेखा से उदय होकर अन्य पर्वतों पर जाने वाली रेखाएँ उन्नति कारक होती हैं। यदि इन रेखाओं को प्रभाव रेखाएँ या मंगल अथवा शुक्र से उदय होने वाली रेखाएँ काटें तो समुचित फल प्राप्त नहीं होता। वृहस्पति की ओर जाने वाली रेखाएँ उन्नति के साथ-साथ प्रभाव और सत्ता दिलाती हैं। शनि की ओर बढ़ने वाली रेखाओं से धन-सम्पत्ति का सृजन होता है। सूर्य पर पहुँचने वाली रेखाएँ प्रसिद्धि और सफलता दिलाती हैं। 
कमीनापन :: ह्रदय रेखा मुड़कर मस्तिष्क रेखा के पास से गुजरे। अँगुलियाँ पास-पास हों और अन्दर की ओर झुकी हों। चतुष्कोण बीच में संकरा हो। 
कर्मठता :: एक चपटी कठोर हथेली पर मुख्य रेखाएँ गहरी हों। नरम हथेली पर मस्तिष्क रेखा गहरी हो। चौकोर सिरे वाली अँगुलियाँ हों। मनोहर पर्वत और मुख्य रेखायें गहरी हों।
करोड़पति :: अँगूठा सुदृढ़ हो, भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से या मध्य मंगल से निकलकर बृहस्पति पर्वत की ओर जाये। लम्बी अँगुलियाँ गाँठदार हों।  
कलाकार-कुशल :: भाग्य रेखा सूर्य रेखा की तरफ मुड़ जाये। चंद्र पर्वत अच्छा हो। हाथ फैलाकर अँगुलियाँ खोलने पर तर्जनी और मध्यमा में काफ़ी दूरी हो। सूर्य रेखा का उद्गम जीवन रेखा से हो।  
कलाकार-सामान्य :: मस्तिष्क रेखा में से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत पर जाये। भाग्य रेखा सूर्य पर्वत की ओर मुड़ जाये। तर्जनी अँगुली नुकीली हो। अनामिका सीधी, सुन्दर और लम्बी हो, अनामिका का पहला पर्व लम्बा हो, चंद्र पर्वत अच्छा हो। 
कल्पना-चित्रकार :: चंद्र मण्डल उठा हुआ हो, मस्तिष्क रेखा लम्बी और गोलाई लिये हो, अँगुलियाँ नुकीली और बिना गठान के हों, सूर्य की अंगुली-अनामिका का प्रथम गठान चौड़ा और गोल होकर थोड़ा चपटा हो जाये। 
कलाकार-संगीतज्ञ :: कलात्मक हाथ में सूर्य रेखा अच्छी हो, मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत पर हल्का सा घुमाव लिये हो, शुक्र और बुध पर्वत अच्छे हों, चौकोर हाथ में अँगुलियाँ नुकीली हों। 
कवि :: (1). ह्रदय रेखा में चौड़ी, लम्बी, जंजीर नुमा शाखाएँ, (2). मस्तिष्क रेखा गोलाई लेकर उच्च चन्द्र पर रुके, (3). हाथ नरम हो, (4). अँगूठे का प्रथम पर्व पतला और लम्बा हो, (5). सूर्य और चन्द्र पर्वत उभरे हुए हों, (6). शुक्र पर्वत सुविकसित और सुन्दर हो, (7). अँगूठा लम्बा और सुदृढ़ हो, मस्तिष्क रेखा लम्बी हो और शुक्र मुद्रिका मौजूद हो।
कहानी लेखक :: गुरु और चन्द्र पर्वत सुविकसित हों, अँगुलियाँ सुगठित हों, कनिष्ठा का पहला पर्व लम्बा हो, अँगुलियों  शंकुआकार हों, हथेली कलाई की तरफ झुकी हो। 
कातिल-हत्यारा :: (1).अँगूठा मुगदर के समान, छोटा और मोटा  हो, शुक्र पर्वत ज्यादा गोलाई लिए हुए हो, नाख़ून छोटे और लालिमा लिए हुए हों, मस्तिष्क रेखा पर शनि पर्वत के नीचे वर्ण रेखा हो। (2). चारों अँगुलियों पर चक्र हों और तर्जनी अँगुली छोटी हो। (3). मस्तिष्क रेखा गाँठदार हो, यदि यह पीले रंग की होगी तो वह कत्ल कर चूका होगा और लाल रंग की है तो हत्या करेगा। (4). त्रिभुज में बड़ा गुणक चिन्ह हो, (5). हाथ कठोर हो, (6). अँगुलियाँ चम्मच के आकार की हों, (7). मस्तिष्क रेखा चौड़ी और छोटी हो और ह्रदय रेखा भी छोटी हो, (8). मंगल पर्वत काफी उठा हुआ हो और उस पर तारे का चिन्ह हो, (9). मध्यमा के तीसरे पर्व पर नक्षत्र-टारे का चिन्ह हो। 
कारीगर :: लम्बी ह्रदय रेखा में उसकी उपशाखा ऊपर की ओर जाये तो प्रशासकीय काम करे तथा नीचे की तरफ जाये तो जातक अपने व्यापार-व्यवसाय में कुशल होता है। 
गज केसरी योग :: जिसकी कुंडली में शुभ गजकेसरी योग होता है, वह बुद्धिमान होने के साथ ही प्रतिभाशाली भी होता है। इनका व्यक्तित्व गंभीर व प्रभावशाली भी होता है। समाज में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करते है। शुभ योग के लिए आवश्यक है कि गुरु व चंद्र दोनों ही नीच के नहीं होने चाहिए। साथ ही, शनि या राहु जैसे पाप ग्रहों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
गायक SINGER :: शुक्र पर्वत विकसित हो, जिस पर रेखाओं से बनी हुई एक भंवर नुमा रचना हो।  अँगुलियाँ कोमल और चौकोर, हथेली चौड़ी हो। बड़े हाथ वाला आदमी छोटे वाद्य बजाता है। Venus is developed having a loop over it. Fingers are square shaped and broad, palm is broad. One with a big hand plays small instruments. 
गीतकार-नाट्य लेखक :: अँगुलियाँ नुकीली और हथेली की तुलना में छोटी हों। मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा से दूर और द्विशाख्य-द्विजिव्ही हो।
POET-SCRIPT WRITER :: Pointed fingers small as compared to the Palm. Line of Head is forked and is away from the Life Line in the beginning.
Defect free Line of Head inclined or reaching Luna :- Studies Literature.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, चंद्र पर्वत पर पहुँचे :- जातक साहित्यकार, लेख़क बन सकता है।
Defect free Line of Head inclined-reaching Luna with long pointed fingers :- High level-recognised artist, writer, composer, distinguished author.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, चंद्र पर्वत पर पहुँचे, लम्बी नुकीली अँगुलियाँ :- जातक जाना-माना कलाकार होगा,  संगीतकार,  प्रसिद्ध लेखक होगा।
चतुःसार योग :: अगर कुंडली में ग्रह मेष, कर्क तुला और मकर राशि में स्थित हो तो ये योग बनता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति इच्छित सफलता जीवन में प्राप्त करता है और किसी भी समस्या से आसानी से बाहर आ जाता है।
चोरी :: जिस पुरुष या स्त्री के हाथ में बुध पर्वत विकसित हो और उस पर जाल बिछा हो तो उसके घर पर बार बार चोरी होती है। 
ड्राइवर-वाहन चालक :: जिसके हाथ की अँगुलियों के नाखून लम्बे हों हथेली वर्गाकार हो, चन्द्र पर्वत ऊँचा हो, सूर्य रेखा ह्रदय रेखा को स्पर्श करे, मस्तक रेखा मंगल पर त्रिकोण-त्रिभुज बनाये, तो ऐसा व्यक्ति छोटी और बड़ी गाड़ियों का ड्राइवर होता है। 
ज्योतिषी :: जिस व्यक्ति के गुरु पर्वत के नीचे मुद्रिका या शनि, शुक्र और बुध पर्वत उन्नत हों वह ज्योतिषी-फ़लित शास्त्री होता है। 
जुआरी-सट्टेबाज :: जिस व्यक्ति की अनामिका ऊँगली मध्यमा के बराबर की हो तो ऐसा व्यक्ति सट्टेबाज और जुआरी होता है। 
रोग विशेष चिह्न MEDICAL STIGMATA LINES :: बुध पर्वत के नीचे, ह्रदय रेखा के ऊपर उपस्थित 3-4 रेखाएँ मनुष्य को उपचारात्मक-आरोग्यकर शक्ति प्रदान करती हैं। इससे अधिक होने पर यही रेखाएं मनुष्य को व्यापार, व्यवसाय, लेखन, खोज, अध्यापन में सहायक होती हैं। ऐसाे व्यक्ति दूसरों को शांत-सहज, सामान्य करने में सहायक होते हैं।Medical stigmata is formed by a series of fine, either vertical or a bit inclined lines (at least 3) that appear under the Mercury over the palm, above the Heart Line. They are also called Samaritan lines. The hand may have Line of Intuition as well. They grant healing power to the possessor. More than five of these lines shows an excess of Mercurian qualities. Rather than referring to healing, it points to more about business and communication. More often they seem to appear when a person is into marketing, writing, communicating or selling, such as a writer, teacher or entrepreneur.
Defects free Line of Head with three or more vertical lines on the Mount of Mercury, accompanied by an initially broad and then a thin Line of Fate; with broad junction of Line of Head and Life Line :- Studies Medicine.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, बुध पर तीन या चार खड़ी रेखायें, शुरु में चौड़ी तथा बाद में पतली भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा के बीच ज्यादा दूरी :- जातक चिकित्सा वैद्यक का अध्ययन करेगा।
MEDICAL STIGMATA :: कलंक, लांछन, धब्बा, चिह्न, कुक्षि, किसी रोग का विशेष चिह्न, योनि-छत्र।  
यशस्वी पुरुष के अंगूठे में जौ :: जिस पुरुष के अंगूठे के मध्य में यव (जौ) का चिह्न हो, वह बहुत यशस्वी और अपने कुल को विभूषित करने वाला हातो है, सुख-सुविधाओं से युक्त, विनम्र और मधुरभाषी होता है।
सांसारिक सुख, सौभाग्यदायक रेखा :: मध्यमा अगुंली के मूल से मणिबधं तक फैली भाग्य रेखा, यदि सुस्पष्ट, गहरी और अखंडित हो तो सांसारिक सुख, सुविधा, यश, भोग व राज्य प्रदायक होती है।
लक्ष्मी योग :: कुंडली के किसी भी भाव में चंद्र-मंगल का योग बन रहा है तो जीवन में धन की कमी नहीं होती है। मान-सम्मान मिलता है। सामजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है।
श्रीनाथ योग :: अगर लग्न का स्वामी, सातवे भाव का स्वामी दसवे घर में मौजूद हो और दसवे घर का स्वामी नवे घर के स्वामी के साथ मौजूद हो तो श्रीनाथ योग का निर्माण होता है। इसके प्रभाव से जातक को धन, नाम, ताश, वैभव की प्राप्ति होती है।
धनवान योग :: जिसके हाथ में चक्र, फ़ूलों की माला, धनुष, रथ या आसन में से कोई चिन्ह हो, तो उसके यहाँ माता लक्ष्मी का वास होता है। 
विदेश यात्रा योग :: जिस स्त्री या पुरुष के हाथ में जीवन रेखा से निकल कर एक शाखा भाग्य रेखा को काटती हुई चन्द्र क्षेत्र को रेखा जाये तो वह विदेश यात्रा को सूचित करती है। हथेली से बाहर की ओर जाने वाली रेखाएँ, जीवन रेखा की निम्न चंद्र तक जाने वाली शाखाएँ विदेश गमन का प्रतीक हैं। 
भू स्वामी :: जिसके हाथ में एक खड़ी रेखा सूर्य क्षेत्र से चलकर चन्द्र रेखा को स्पर्श करे, मस्तक रेखा से एक शाखा चन्द्र रेखा से मिलकर डमरू का निशान बनाये, तो वह व्यक्ति आदर्श नागरिक और भूस्वामी होने का अधिकारी है। 
पायलट :: जिसके हाथ में चन्द्र रेखा जीवन रेखा तक हो, बुध और गुरु के पर्वत ऊँचे हों, ह्रदय रेखा को किसी प्रकार का अवरोध नही हो, तो वह व्यक्ति पायलट की श्रेणी में आता है।
वकील-न्यायाधीश  :: जिसके हाथ में शनि और गुरु रेखा पूर्ण चमकृत हो और विकसित हो या मणिबन्ध क्षेत्र से गुरु वलय तक रेखा पहुँचती हो तो ऐसा व्यक्ति कानून का जानकार जज-वकील की हैसियत का होता है।
Defects free Line of Head terminating over Mental Mount of Mars :- Studies Science-Law, confirmed by square nails.
दोष मुक्त मस्तिष्क रेखा, उच्च मङ्गल पर :- जातक विज्ञान, कानून-नीति शास्त्र का अध्ययन करेगा, अगर नाख़ून चौकोर हो तो यह निश्चित रूप से-सिद्ध होगा।
सौभाग्यशाली :: जिस पुरुष एक दाहिने हाथ में सात ग्रहों के पर्वतों में से दो पर्वत बलवान हों और इनसे सम्बन्धित रेखा स्पष्ट हो तो व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है। 
पुलिस सेवा :: जिसके व्यक्ति के हाथ में मंगल पर्वत से सूर्य पर्वत और शनि की उंगली से बीचों बीच कोई रेखा स्पर्श करे तो व्यक्ति सेना या पुलिस महकमें मे नौकरी करता है। 
प्रतिनिधि :: मध्यमा अँगुली सामान्य से अधिक लम्बी हो, तर्जनी सीधी, चिकनी और अनामिका के बराबर हो, स्वास्थ्य रेखा अनुपस्थित हो। 
भाग्यहीन :: जिस जातक के हाथ में हथेली के बीच उथला आयत का चिन्ह हो वो चिडचिडा और लापरवाह होता है। 
नर्स-सेविका :: जिस स्त्री की कलाई गोल हाथ पतले और लम्बे हों बुध पर्वत पर खडी रेखायें हों व शुक्र पर्वत उच्च का हो तो जातिका नर्स के काम में चतुर होती है। 
नाडी परखने वाला :: जिस व्यक्ति का चन्द्र पर्वत उच्च का हो वह व्यक्ति नाडी का जानकार वैद्य होता है। 
दगाबाज या स्वार्थी योग :: जिसके नाखून छोटे हों हथेली सफ़ेद रंग की हो मस्तक रेखा ह्रदय रेखा में मिलती हो तो ऐसा व्यक्ति दगाबाज होता है। मोटा हाथ और बुध की उंगली किसी भी तरफ़ झुकी होने से भी यह योग मिलता है। 
निर्धन व दुखी योग :- यदि किसी जातक की जीवन रेखा पर जाल बिछा हो तो ऐसा व्यक्ति निर्धन और दुखी होता है.
माता पिता का अभाव योग :: जिस व्यक्ति के हाथ में मणिबन्ध के बाद ही त्रिकोण-त्रिभुज या द्वीप चिन्ह हो तो जातक बाल्यावस्था से माता पिता से दूर या हीन होता है.
जिस जातक की हथेली में तर्जनी और अंगूठे के बीच, मंगल स्थान से जीवन रेखा की तरफ़ छोटी छोटी रेखायें आ रही हों और जीवन रेखा से मिल रही हो तो जातक को बार बार शरीर के कष्ट मिलते रहते हैं, लेकिन जीवन रेखा के साथ साथ कोई सहायक रेखा चल रही हो तो जातक का भाग्य और इष्ट उन कष्टों से दूर करता रहता है।
 

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